
अल्मोड़ा। मसूरी–मुजफ्फरनगर कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और दोषियों को दंडित करने की मांग को लेकर विभिन्न जनसंगठनों और राजनीतिक दलों ने मंगलवार को चौघानपाटा में धरना प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में तय किया गया कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में आगामी 3 अक्टूबर को शाम साढ़े पांच बजे कैंडिल मार्च निकाला जाएगा। धरने में वक्ताओं ने प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार हो रही पेपर लीक की घटनाओं, खनन कारोबार में अनियमितताओं और लद्दाख में पृथक राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत वैज्ञानिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। कार्यक्रम का संचालन पी.सी. तिवारी और नारायण राम ने किया। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें पूंजीपतियों के हित साधने में लगी हैं, जबकि आम जनता की समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड ठेकेदारी व्यवस्था पर चल रहा है और जनता की आवाज उठाने वालों पर देशद्रोह जैसे मुकदमे थोपे जा रहे हैं। उत्तराखंड लोक वाहिनी के नेता जगत रौतेला ने कहा कि देश आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन डेढ़ साल से अल्मोड़ा–बागेश्वर–पिथौरागढ़ मार्ग का पुनर्निर्माण तक नहीं हो पा रहा है। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता गिरीश नाथ गोस्वामी ने कहा कि सत्ताधारी दल सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी कर लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का काम कर रहा है। दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि जब तक उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण में नहीं बनती, तब तक राज्य की मूल अवधारणा अधूरी ही रहेगी। कार्यक्रम को जीवन चन्द्र जे.सी., प्रेस क्लब सचिव रमेश जोशी, अजय मित्र बिष्ट, नारायण राम और विमल तिवारी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर दीपांशु पाण्डे, सोनी मेहता, सीता चम्याल, किरण आप्या, कौस्तुभानन्द भट्ट, अधिवक्ता विमल तिवारी, अधिवक्ता भारती, अधिवक्ता जगत रौतेला सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।