मुकुल ने चौथी बार पास की यूपीएससी की परीक्षा

देहरादून। किसी युवा के लिए यूपीएससी की परीक्षा एक बार ही पास कर पाना, जिंदगी का सबसे बड़ा सपना होता है, लेकिन दून के मुकुल जमलोकी ने एक-दो नहीं, चौथी बार यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह भी हर बार बेहतर रैंकिंग के साथ। इस बार उन्होंने 161वीं रैंक हासिल की है।  मूलरूप से रविग्राम फाटा रुद्रप्रयाग निवासी मुकुल जमलोकी का परिवार दून स्थित कारगी चौक पर रहता है। मुकुल के पिता डॉ. ओम प्रकाश जमलोकी दूरदर्शन में वीडियो एग्जीक्यूटिव हैं। उनकी मां इंदु जमलोकी दिल्ली में सरकारी शिक्षिका हैं। 12वीं तक की पढ़ाई ब्राइटलैंड स्कूल से करने के बाद मुकुल ने आईपी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद स्विस कंपनी में एक साल जॉब की। तभी मन में विचार आया कि प्राइवेट कंपनी में अपना खून-पसीना लगाकर आम जनता को महंगे उत्पाद देने के बजाय क्यों न सरकारी सेवा में जाकर जनता की सेवा की जाए। लिहाजा, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। मुकुल ने बताया कि सबसे पहले वर्ष 2017 में 609वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास की थी। उस वक्त उन्हें भारतीय सूचना सेवा मिली। इसमें उन्होंने एक साल तक सेवाएं दीं। रैंक में सुधार के लिए उन्होंने दोबारा सिविल सेवा परीक्षा-2018 दी। तब उन्होंने ऑल इंडिया 505वीं रैंक हासिल की और उनका चयन भारतीय डाक सेवा में हो गया। दो साल से वह डाक सेवा में रहे। देहरादून परिमंडल में ही कार्यरत रहे। रैंक में सुधार का उनका जुनून यहीं नहीं थमा। उन्होंने और बेहतर तैयारियों के साथ सिविल सेवा परीक्षा-2019 दी और ऑल इंडिया 260वीं रैंक हासिल की। इसमें उन्हें इंडियन आडिट एंड अकाउंट सर्विसेज मिली। वर्तमान में वे इसी सेवा में कैग कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर तैनात हैं। उनके पिता ओमप्रकाश डिमरी ने बताया कि इस बार 161वीं रैंक में भारतीय विदेश सेवा या भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) मिलने की उम्मीद है।


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