मोटरसाइकिल चोरी के मामले में बंदी अभियुक्त की जमानत स्वीकार

अल्मोड़ा। मोटरसाइकिल चोरी के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में मोटरसाइकिल चोरी के मामले में
जिला कारागार अल्मोड़ा में निरुद्ध अभियुक्त दयाल जोशी की ओर से अधिवक्ता मो० इमरोज द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र ईमेल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था। जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त मामले में दिनांक 14.06.2021 से जिला कारागार अल्मोड़ा में निरुद्ध है। प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में गलत व बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर आरोपित किया गया है। घटना के सम्बन्ध में कोई चक्षुदर्शी साक्षी नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त पर जो तथाकथित मोटरसाईकिल को चुराये जाने का आरोप लगाया गया है, इस सम्बन्ध में कोई सी०सी०टी०वी० फुटेज नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त के पास से तथाकथित मोटरसाईकिल भी बरामद नहीं हुई है। प्रार्थी / अभियुक्त रुद्रपुर में होटल का व्यवसाय करता है तथा उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। अभियुक्त गरीब है, उसके जेल चले जाने से उसके परिवार पर संकट आ गया है। वर्तमान में सम्पूर्ण देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप चल रहा है, ऐसी दशा में प्रार्थी / अभियुक्त को संक्रमण की अधिक संभावना है। अतः अभियुक्त को जमानत पर रिहा किये जाने की प्रार्थना की गई।

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अभियोजन द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है तथा विवेचनाधिकारी की लिखित आख्या प्रस्तुत की गई, जिसमें कहा गया है कि दिनांक 13.06.2021 को वादी मुकुल कुमार सिंह द्वारा कोतवाली अल्मोड़ा में एक तहरीर इस आशय की दी गई कि दिनांक 09.06.2021 को वह मोटरसाईकिल सं०-यू०के० – 01बी 4489 (अपाचे नीला रंग माडल 2017), जो उसकी माता प्रेमलता सिंह के नाम पंजीकृत है, भैरव मंदिर, निकट शिखर होटल तिराहा के पास समय 12:30 PM पर खड़ी कर बाजार काम के लिए चला गया था। जब वह दो घन्टे बाद वापस आया तो उसे वहा पर उसकी मोटरसाइकिल नहीं मिली इस तहरीर के आधार पर कोतवाली अल्मोड़ा में पंजीकृत किया गया और उपनिरीक्षक गौरव जोशी द्वारा मामले की विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के दौरान दिनांक 14.06.2021 को विवेचक द्वारा डीसीआर अल्मोड़ा से प्राप्त सी.सी.टी.वी फुटेज के माध्यम से दयाल जोशी की निशानदेही पर उक्त चोरी मोटरसाईकिल सं० यू०के०-01बी 4489 पंकज राणा उर्फ पवन पुत्र रमेश सिंह निवासी लंकाटापू बिन्दुखत्ता, जिला नैनीताल के कब्जे से बरामद की गई।
जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पत्नी हेमा द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें कथन किया गया है कि इस इसके अतिरिक्त कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय में अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है।

न्यायाधीश द्वारा अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता मो० इमरोज तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्क वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुने गये तथा पुलिस प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।


न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले में अभियुक्त पर लगाया गया अभियोग मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक 14.06.2021 से कारागार में निरुद्ध है, अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास भी दर्शित नहीं किया गया है। ऐसी परिस्थिति में मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी ना करते हुए न्यायालय इस मत का है अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।

न्यायालय द्वारा 30,000/- (रूपये तीस हजार) का स्थ बंध-पत्र व समान राशि के दो संतोषप्रद प्रतिभू प्रस्तुत करने पर प्रार्थी/अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाये तथा ईमेल के माध्यम से सम्बंधित अधिकारियो को भेजे गए।


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