
अल्मोड़ा। बेस चिकित्सालय के चिकित्सकों पर एक युवक की मौत के मामले में परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि बिट्टू कुमार(33 वर्ष) को बुधवार अपराह्न में अचानक तबीयत बिगड़ने पर बेस अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि वहां मौजूद चिकित्सकों ने न तो सही तरीके से उनका परीक्षण किया और न ही भर्ती किया। परिजनों की बार-बार की गुहार के बावजूद डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया। बताया कि परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम ने भी चिकित्सकों से मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने न तो कॉल रिसीव की और न ही तीमारदारों से बात करने को तैयार हुए। मरीज के साथ मौजूद बद्रीश कुमार और गंगा थापा ने जब चिकित्सकों से तत्काल उपचार की मांग की, तो काफी देर तक इंतजार कराने के बाद उन्हें केवल यह कहकर लौटा दिया गया कि मरीज बिल्कुल स्वस्थ है और घर ले जाया जा सकता है। चिकित्सकों के आश्वासन पर बिट्टू कुमार को उसी दिन शाम को अस्थायी निवास पर ले जाया गया। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की इस कथित लापरवाही का गंभीर परिणाम सामने आया और 18 सितंबर की सुबह उनकी अचानक मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि इस असामयिक मृत्यु के लिए बेस अस्पताल और वहां तैनात चिकित्सक जिम्मेदार हैं। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिलाया जाए, ताकि भविष्य में किसी मरीज की जान इस तरह की लापरवाही के कारण न जाए।






