मंत्र उच्चारण के बीच विधि-विधान से खुले ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बने कपाट खुलने के साक्षी।
– सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम हुई सम्पन्न।
– हर हर महादेव के उदघोष से प्रफुल्लित हुई बाबा केदार की नगरी।
– आस्था, विश्वास और सनातन संस्कृति की विराटता का अदभुत संगम है बाबा केदारनाथ का धाम : मुख्यमंत्री।
– कपाट खुलने पर हेली से हुई पुष्प वर्षा।
रुद्रप्रयाग (आरएनएस)। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के पावन अवसर पर मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। इस अवसर पर सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर संपन्न हुई।
सुबह ठीक 7 बजे मंत्रोच्चारण, “हर हर महादेव” के उद्घोष और सेना की ग्रेनेडियर रेजिमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच बाबा केदार के कपाट खोले गए। मंदिर परिसर को 108 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलते ही हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे श्रद्धालु अभिभूत हो उठे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह क्षण राज्य ही नहीं, पूरे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। केदारनाथ धाम केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने बाबा केदार से सभी यात्रियों की मंगलमयी यात्रा की प्रार्थना की।
उन्होंने बताया कि हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, और इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। राज्य सरकार ने यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं, ताकि यात्रियों को सुविधा, सुरक्षा और सुगमता प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार के अनन्य भक्त हैं। 2013 की आपदा के बाद उनके नेतृत्व में केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रारंभ हुआ, और आज केदारनाथ का परिसर भव्य रूप में सामने है। उन्होंने स्मरण दिलाया कि प्रधानमंत्री ने इसी भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था, जिसे साकार करने के लिए राज्य सरकार लगातार विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है।
पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार खुला मंदिर
कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह 5 बजे प्रारंभ हुई। पंचमुखी उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से यात्रा करते हुए गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड होते हुए श्री केदारनाथ धाम में प्रवेश किया।
सुबह 6 बजे श्री केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, वेदपाठीगण और अन्य धर्माचार्य मंदिर में पूर्वी द्वार से प्रवेश कर गर्भगृह की विशेष पूजा में सम्मिलित हुए।
इसके बाद देवी-देवताओं का आह्वान कर जनकल्याण की कामना की गई और प्रातः 7 बजे मंदिर के मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग, वेदपाठीगण एवं बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी और श्रद्धालु उपस्थित रहे।