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दुग्ध उत्पादन से स्वरोजगार कर अच्छा खासा पैसा कमा रही मंजू

उत्तराखण्ड की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। इसकी एक मिसाल चंपावत जिले की मंजू ने भी पेश की है। दुग्ध उत्पादन से स्वरोजगार कर रही मंजू आज अच्छा खासा पैसा कमा रही है। बाजरीकोट गांव की मंजू ने बताया कि उन्होंने अच्छी नस्ल की गाय के साथ ही कम समय में अच्छा दुग्ध उत्पादन किया है। वर्ष 2018-19 में डेढ़ लाख रूपये तो वहीं, वर्ष 2019-20 में सवा दो लाख रुपये की वार्षिक आय हुई है। आज वह प्रतिदिन 25 लीटर दूध बेच रही हैं।

साथ ही गांव की अन्य महिलाओं को भी दुग्ध उत्पादन के लिए प्रेरित भी कर रही है। चंपावत दुग्ध संघ के प्रबंधक राजेश मेहता ने बताया कि मंजू देवी ने दो गायों के माध्यम से सालभर में सवा दो लाख का दूध बेचा, जिसके लिए उन्हें सरकारी योजना के तहत सम्मानित भी किया गया। उन्होंने बताया कि आधुनिक तरीकों से अच्छी नस्ल के दुधारु पशुओं से दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रोत्साहित भी कर रही है।

आपको बता दंे कि केंद्र सरकार की महिला डेरी प्रोत्साहन योजना के तहत मंजू को प्रदेश में तीसरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जबकि पहला पुरस्कार प्रिया मेहता शेरकांडा पिथौरागढ़ और दूसरा मंजू देवी तिपलकोट पिथौरागढ़ को दिया गया है। चंपावत जिले की 70 समितियों में लगभग 2 हजार 735 महिलाएं दुग्ध उत्पादन से जुड़ी हुई हैं। इन समितियों की खास बात यह है कि यहां सारा काम महिलाओं द्वारा ही किया जाता है।


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