मंदिरों व घरों में घट स्थापना कर की गई माता की पूजा

रुड़की(आरएनएस)।   गुरुवार को हस्त नक्षत्र और ऐन्द्र योग के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई। लक्सर और आसपास के मंदिरों में घट (कलश) की स्थापना के बाद विधि विधान के साथ मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया गया। लोगों ने अपने घरों के मंदिर में भी कलश स्थापित कर पूजा पाठ की। लक्सर नगर और आसपास के मंदिरों की कई दिन पहले से नवरात्रों के लिए साज सज्जा की जा रही थी। भक्तों ने अपने घर के मंदिर में भी मातारानी को पूजने की पूरी तैयारी की हुई थी। मंदिरों में घंटियों की मधुर आवाज के साथ ही मातारानी के जयकारे की गूंज तड़के ही सुनाई देने लगी थी। गुरुवार सुबह प्रथम नवरात्र पर शुभ मुहूर्त में शास्त्र सम्मत विधि से सभी जगह घट स्थापना की गई। घट स्थापना के समय क्षेत्र में पूजा करने वाले ब्राह्मणों की काफी मांग रही। लक्सर सांई मंदिर के पुजारी पं. अवनीश शर्मा ने बताया कि घट स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त सुबह में 5.42 बजे से 8.02 बजे तक, करीब सवा दो घंटे का था। इसके बाद दोपहर 12.23 बजे से 2.43 बजे तक लगभग पौने दो घंटे का समय भी कलश स्थापित करने के लिए शुभ था। इसलिए बारी-बारी से सभी भक्तों के घर जाकर धार्मिक रस्मों के मुताबिक कलश स्थापना कराई गई है।  इसके बाद मां दुर्गा के नौ में से पहले रूप शैलपुत्री का पूजन किया गया। मेन बाजार दुर्गा मंदिर के पुजारी पं. रामनाथ शर्मा ने बताया कि मंदिर में माता की चौकी को हर साल की तरह सजाकर तैयार किया गया है। श्रद्धालु सवेरे से ही आकर माता के दर्शन करने के साथ ही पूजा पाठ कर रहे हैं। जगह मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है।


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