महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप के लिए आवेदन किए आमंत्रित

नई दिल्ली (आरएनएस)। यह फेलोशिप आईआईएम में क्लासरूम सेशन का एक दो वर्षीय ब्लेंडेड प्रोग्राम है और जिला अर्थव्यवस्थाओं में कौशल योजना निर्माण तथा विकास को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 मार्च, 2021 है।
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने पायलट कोहार्ट की सफलता के बाद आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बेंगलुरू, आईआईएम जम्मू, आईआईएम कोझीकोड, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम नागपुर, आईआईएम रांची, आईआईएम उदयपुर तथा आईआईएम विशाखापत्तनम् के सहयोग से महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप (एमजीएनएफ) 2021-23 लॉन्च करने की घोषणा की है। यह कौशल विकास एवं कौशल योजना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जिला अर्थव्यवस्थाओं की भागीदारी से आईआईएम में क्लासरूम सेशन को संयोजित करने के लिए युवा, गतिशील व्यक्तियों के लिए एक अनोखा अवसर है। पिछले वर्ष आरंभ किए गए इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन बहुत सफल रहा है और इसे विभिन्न हितधारकों से सराहना प्राप्त हुई है।
पिछले फेलो का उनके संबंधित जिला कौशल समितियों पर उल्लेखनीय प्रभाव रहा है। कुछ फेलो ने दिलचस्प परियोजनाओं का निर्माण किया है, जो आईआईएमबी में सीखे गए बिजनेस मैनेजमेंट, सार्वजनिक नीति और विकास अर्थव्यवस्थाओं के विचारों तथा अपने जिलों की क्षमताओं की समझ को समेकित करने के द्वारा रोजगार के लिए एक पूर्व-सूचना के रूप में कौशलों का उपयोग करते हैं। कुछ पहलें एसएचजी के लिए की गई हैं; अन्य स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए बाजार आधारित योजनाओं के लिए की गई हैं।

कार्यक्रम संरचना
एमजीएनएफ की रूपरेखा विकास की प्रक्रिया विकेंद्रित करने के लिए बनाई गई है। विकास के लिए ऊपर से नीचे के दृष्टिकोण के बजाय इसमें देश के विकास को नीचे से ऊपर प्रेरित करने की क्षमता है। इसमें एकेडमिक मॉड्यूल्स (एएम) के शैक्षणिक इनपुट और साथ ही निरंतर संकाय संरक्षण और डिस्ट्रिक्ट इमरसन (डीआई) के एक हिस्से के रूप में फेलो द्वारा अर्जित व्यवहारिक अऩुभव के लाभों को शामिल किया जाता है।
एएम प्रबंधन सिद्धांतों, आर्थिक विकास, सार्वजनिक नीति और सॉफ्ट स्किल पर फोकस करता है। इनकी रूपरेखा उनके जिलों में एक लचीली, कौशल आधारित अर्थव्यवस्था में सक्षम बनाने के लिए अवसरों तथा चुनौतियों को समझने तथा इसकी सहायता करने के लिए आवश्यक अवसरों और बुनियादी ढांचों की पहचान करने की एमजीएन फेलो की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गई है। डिस्ट्रिक्ट इमरसन मॉड्यूल जिला स्तर पर संस्थागत कमजोरियों के दस्तावेजीकरण के परिप्रेक्ष्य में जिला-विशिष्ट चुनौतियों से निपटने, उऩ स्कीमों की पहचान करने जो अच्छा कार्य करती हैं, विस्तृत रिसोर्स मैपिंग आरंभ करने और सघन रूप से अऩुसंधान की गई एक जिला कौशल विकास योजना (डीएसडीपी) जो जिले के आर्थिक विकास के लिए कार्यनीति बनाती है, का निर्माण करने में एमजीएन फेलो की सहायता करने के लिए एक संरचना उपलब्ध कराएगी।


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