महानिर्वाणी अखाड़े ने किया सरकार की ओर से दी जाने वाली 1 करोड़ की राशि को लेने से इनकार

अखाड़े की परंपरा और नियम ऐसे है कि राजकोष से दान का पैसा नहीं ले सकते: श्रीमहंत रविंद्र पुरी

हरिद्वार। महानिर्वाणी अखाड़े ने कुंभ मेले में सरकार की ओर से दी जाने वाली एक करोड़ की राशि को लेने से इनकार कर दिया है। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने तर्क दिया कि उत्तराखंड सरकार को समय-समय पर वे मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से सहायता देते हैं, ऐसे में राज्य सरकार के इस दान को वे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेशवाई और कुंभ में सभी व्यवस्थाएं अखाड़े की ओर से ही की गई हैं। प्रशासन की ओर से मात्र साफ सफाई और पेशवाई के दौरान रूट की व्यवस्था के अलावा पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई है। किसी भी तरह की आर्थिक सहायता अखाड़े ने नहीं ली है। सरकार की ओर से सभी 13 अखाड़ों को एक-एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है। पहले किश्त अखाड़ों को दी भी जा चुकी है। इस बीच संन्यासियों के प्रमुख अखाड़ों में से एक महानिर्वाणी अखाड़े ने राज्य सरकार की ओर से आयोजन के लिए दी जाने वाली एक करोड़ की कुंभ सहायता राशि को लेने से इनकार कर दिया है। इन रुपयों को इसलिए दिया जा रहा था कि कुंभ में आने वाले संत, श्रद्धालुओं के रहन-सहन आदि व्यवस्थाओं पर खर्च किया जा सके। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी का कहना है कि वह इस दान की राशि को नहीं ले सकते है। कहा कि अखाड़े की परंपरा और नियम ऐसे है कि राजकोष से दान का पैसा नहीं ले सकते हैं। इसलिए उन्होंने सरकार की ओर से मिलने वाली राशि नहीं ली है।


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