महामारी के दौरान 100 प्रतिशत स्कूल शुल्क देना ही होगा : सुप्रीम कोर्ट

अभिभावकों को बड़ा झटका

जयपुर ,09 फरवरी (आरएनएस)। राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर अभिभावकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के दौरान अभिभावकों ने फीस में रियायत की मांग की थी, इसपर राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत देते हुए फीस में छूट दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब फीस का 100प्रतिशत भुगतान करना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों को पूरे साल की फीस को चुकाने के लिए थोड़ी राहत भी दी है, यह फीस 6 किस्तों में चुकाई जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब अभिभावकों को स्कूल की पूरी फीस चुकानी होगी। 5 मार्च से स्कूल अपनी फीस वसूल सकेंगे। हालांकि अभिभावकों को कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए फीस को 6 किस्तों में चुकाने की छूट भी दी है। कोर्ट के आदेशानुसार अब प्राइवेट स्कूल बढ़ी हुई फीस नहीं ले सकेंगे। 5 मार्च 2021 से छात्रों से सत्र 2019-20 में तय फीस के हिसाब से ही वसूली हो सकेगी। हालांकि पूर्व में महज ट्यूशन फीस का 70 फीसदी देना तय हुआ था लेकिन अब पूरी फीस चुकानी होगी।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी व्यवस्था दी है कि जो अभिभावक फीस नहीं दे पाए हैं उनके बच्चों को परीक्षा या क्लासेज से बेदखल नहीं किया जा सकेगा। स्कूल फीस वसूली के लिए उन पर अनावश्यक दबाव नहीं बना सकेंगे। कोर्ट ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि किसी छात्र की फीस जमा नहीं होने पर उसे स्कूल से बेदखल नहीं किया जा सकेगा।
राजस्थान हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती की खंडपीठ ने निजी स्कूल फीस विवाद मामले में अभिभावकों को राहत दी थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि जिन निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाया है, वे ट्यूशन फीस का 70प्रतिशत ही फीस के तौर पर ले सकेंगे, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है।


Exit mobile version