
नई टिहरी(आरएनएस)। गंगा दशहरे पर गुरुवार को सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा। मां गंगा और मां सुरकंडा के जयकारों से पूरा सिद्धपीठ क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। इस मौके पर मंदिर परिसर में देवी गंगा और सुरकंडा की वेद-ऋचाओं और नैवेद्य से विशेष पूजा-अर्चना की गई। जबकि इससे पहले कद्दूखाल में भक्तों ने रातभर भजनों और जागरों से देवी की स्तुति की। गुरुवार को गंगा दशहरे पर सुरकंडा मंदिर में देवी दर्शनों को खूब भीड़ उमड़ी। जबकि बीती बुधवार देर शाम को नमस्कार देवभूमि सेवा संघ नई दिल्ली की ओर से कद्दूखाल में रात्रि जागरण और भंडारे का आयोजन किया गया।
कद्दूखाल में लोकगायक मुकेश कठैत सहित अन्य ने देवी जागर व भक्ति गीत प्रस्तुत किए। जिस पर श्रद्धालु जमकर झूमे। मुकेश कठैत और टीम ने नौशिणा की देवी माता राजी रखीं रै.., माता तेरो दरबार प्यारा.., जकम दिबतौं का ठौ छन भैजी.., पर्चु देंदि रै हे माता.. आदि भजनों की प्रस्तुतियां दी। जिस पर श्रद्धालु जमकर झूमे। गुरुवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के कपाट खुलते ही देवी के जयकारों से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। सुबह सबसे पहले मंदिर में मां की मूर्ति का गंगाजल से स्नान कराया और उसके बाद पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद मां की मूर्ति को भोग लगाया गया और नया ध्वज स्थापित किया गया। मंदिर में मां के दर्शनों के लिए सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। लोगों ने मां से घर-परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी। नमस्कार देवभूमि सेवा संघ दिल्ली के परिपूर्णानंद गैरोला ने बताया कि देवी को भोग लगाने के बाद भंडारा और रात्रि जागरण किया गया।