लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को तगड़ा झटका, छह बार के विधायक तापस रॉय ने टीएमसी से दिया इस्तीफा

कोलकाता (आरएनएस)। तृणमूल कांग्रेस में दरारें तब और बढ़ गईं जब छह बार के पार्टी विधायक तापस रॉय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय के कमरे से बाहर आने के बाद अपने इस्तीफे की पुष्टि की, जिन्हें उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार अपना इस्तीफा सौंपा।
तापस रॉय ने पुष्टि की कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित तृणमूल कांग्रेस के सभी संगठनात्मक पदों से भी इस्तीफा दे दिया है। हालाँकि, उन्होंने अपने भविष्य के कदम के बारे में कुछ नहीं कहा। इससे पहले रॉय के पार्टी छोडऩे की आशंका को भाँपते हुये राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और एक अन्य बागी तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष सोमवार सुबह उत्तरी कोलकाता में उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की।
हालाँकि, दोपहर 12.15 बजे के आसपास उनके सभी प्रयास बेकार साबित हुए। रॉय अपने आवास से बाहर निकले और विधानसभा के लिए रवाना हुए। वह दोपहर करीब 12.35 बजे विधानसभा पहुंचे और अपना इस्तीफा दे दिया।
विधानसभा के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरू में ईडी पर हमले के मामले में सदन के पटल पर शेख शाहजहाँ का बचाव किया था, लेकिन वह पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के नगरपालिका भर्ती घोटाले के सिलसिले में उत्तरी कोलकाता में उनके आवास पर केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के बारे में चुप रहीं। रॉय ने कहा, इससे मुझे बेहद दु:ख हुआ है।
रॉय ने सोमवार सुबह आरोप लगाया कि उनकी ही पार्टी का एक वर्ग उनके आवास पर हाल ही में छापेमारी के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने कहा, मैं 1996 से विधायक हूं। मैंने विधायक के रूप में इलाज खर्च का बिल आज तक नहीं लिया है। इसके बाद भी मेरे आवास पर ईडी की छापेमारी हुई। यह देखना होगा कि इसकी साजिश किसने रची।
यह पहली बार नहीं है कि रॉय ने अपनी ही पार्टी के नेतृत्व के एक वर्ग पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। जब 2 मार्च को उन्होंने ईडी पर इसी तरह के आरोप लगाए तो उन्होंने कोलकाता (उत्तर) निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंदोपाध्याय पर सीधे निशाना साधा।


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