क्षैतिज आरक्षण पर सरकार के रवैये पर मंच ने जताई नाराजगी

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की शहीद स्मारक में हुई बैठक में राज्य सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के मामले में हीला हवाली पर आक्रोश व्यक्त किया गया है।
मंच ने कहा है कि यदि राज्य सरकार तत्काल लंबित चिह्नीकरण एवं 10% क्षैतिज आरक्षण (शिथिलीकरण) पर कार्यवाही नही करती तो जल्द ही सभी राज्य आंदोलनकारी मुख्यमंत्री आवास पर दस्तक देंगे। मंच अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी,जय प्रकाश उत्तराखंडी, धीरेन्द्र प्रताप, वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि सर्वप्रथम महाधिवक्ता इस्तीफा दे जो सरकार को गुमराह कर रहे है और ना ईमानदारी से न्यायालय में आंदोलनकारियों एवं राज्य के हितों पर सही पक्ष रख रहे हैं। प्रदीप कुकरेती, देवी गोदियाल, युद्धवीर सिंह चौहान ने कहा कि एक शिष्टमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से इस सम्बंध में भेंट करेगा। सरकार की मंशा जानने के बाद आगे प्रदेश स्तर पर रणनीति तैयार की जाएगी। द्वारिका बिष्ट, पुष्पलता सिलमाना, उर्मिला शर्मा ने कहा कि 11 सालों से चिन्हीकरण के मामलों को जिला प्रशासन ने लटकाकर रखा है। आंदोलनकारियों के दबाव के चलते ही जिलाधिकारी ने राज्य आंदोलनकारी मंच को अपर जिलाधिकारियों से वार्ता कर जल्द सूची जारी करने का आश्वासन दिया। एमएस नेगी, डीएस गुसाईं ने कहा कि अधिकतर युवा आंदोलनकारी उम्रदराज हो गए हैं और रोजगार पाने को सड़कों पर भटक रहे हैं जबकि प्रदेश के बाहर से आए लोग पिछले दरवाजे से घुसकर सविदा और उपनल और अन्य जगहों पर नौकरी कर रहे है। बैठक में मोहन सिंह रावत , बिशम्भर दत्त बोंठियाल, रामलाल खंडूड़ी, अजय राणा, एमएस नेगी, शकुन्तला रावत, सुलोचना भट्ट, उमादत जुगरान, प्रभात डंडरियाल, मोहन थापा, गम्भीर मेवाड़, सुमन भंडारी, निहाल सिंह बयाडा, उमेश चंद्र रमोला, किशोरी लाल भट्ट, उर्मिला शर्मा, द्वारिका बिष्ट, भुवनेश्वरी नेगी, राधा तिवारी, आशा नौटियाल, रामेश्वरी रावत, सरोजनी थपलियाल, सरोज रावत, मुन्नी देवी नेगी, आशा डंगवाल, लक्ष्मी बिष्ट, संजय बलूनी, सतेन्द्र नोगाईं आदि मौजूद रहे।

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