कृषि शोध योग्य मुद्दों और रोडमैप पर परामर्श बैठक 4 सितम्बर को

अल्मोड़ा। भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा 4 सितम्बर को प्रक्षेत्र हवालबाग स्थित सभागार में ‘राज्य से संबंधित प्राथमिकताएं – कृषि शोध योग्य मुद्दे एवं रोडमैप’ विषय पर परामर्श बैठक आयोजित करेगा। इसी बैठक में आगामी विकसित कृषि संकल्प अभियान, जो 3 से 18 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, पर भी चर्चा की जाएगी। इस परामर्श बैठक में संस्थान के निदेशक, वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ, उत्तराखण्ड सरकार के कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य और रेशम विभागों के अधिकारी, अन्य पर्वतीय संस्थानों के प्रतिनिधि और देशभर के विशेषज्ञ शामिल होंगे। पुष्पकृषि, सगंध और औषधीय फसलों के क्षेत्र में दिशा तय करने के लिए सिक्किम और गुजरात स्थित भाकृअनुप के संस्थानों के प्रतिनिधि भी इस चर्चा का हिस्सा बनेंगे। इस मंच के माध्यम से राज्य की कृषि प्रणाली से जुड़े जटिल मुद्दों और संभावित समाधानों पर विस्तार से विचार किया जाएगा। उत्तराखण्ड की कृषि मुख्य रूप से पर्वतीय भू-भाग और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित है। यहां की खेती लघु और सीमांत किसानों पर टिकी है, जिनके पास संसाधन सीमित हैं और उत्पादन क्षमता भी कम है। जलवायु परिवर्तन, वर्षा आधारित खेती, भूमि कटाव, जल संसाधनों की कमी, जंगली जानवरों की समस्या और पलायन जैसी चुनौतियां कृषि को प्रभावित कर रही हैं। इन परिस्थितियों में अनुसंधान संस्थानों, नीति निर्धारकों और प्रशासनिक तंत्र के बीच समन्वय आवश्यक है, ताकि राज्य की वास्तविक समस्याओं पर केंद्रित शोध योजनाएं बनाई जा सकें। संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत ने बताया कि इस तरह की परामर्श बैठकें न केवल शोध की दिशा तय करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि वैज्ञानिक उपलब्धियां किसानों तक पहुंचें और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि इस बैठक से तैयार होने वाला कृषि रोडमैप आगामी रबी कॉन्फ्रेंस में 15 और 16 सितम्बर को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों की उपस्थिति रहेगी।

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