किसान आंदोलन में शामिल 2 किसानों की मौत

कंपकपाती ठंड का असर

नई दिल्ली(आरएनएस)। केंद्र सरकार के किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं दूसरी तरफ कडक़ड़ाती ठंड और कोहरे के कारण किसान पहले ही परेशान थे, लेकिन आज सुबह से हो रही बारिश उनके आंदोलन पर मुसीबत बनकर बरस रही है। अब मानवता की दृष्टि से भी किसानों का यह आंदोलन दर्दनाक रूप लेता जा रहा है। शनिवार को एक किसान ने सरकार से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी चिंता अभी ठंडी भी नहीं हुई कि रविवार सुबह अलग-अलग प्रदर्शन स्थल पर दो और किसानों की मौत हो गई।
आज सुबह टीकरी बॉर्डर पर एक किसान ने दम तोड़ दिया। मृतक किसान की पहचान जगबीर सिंह (60) के रूप में की गई है। माना जा रहा है कि जींद जिले के गांव इट्टल कला के रहने वाले जगबीर की मौत अत्यधिक ठंड के कारण हुई है। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही मौत की असली वजह का पता चलेगा।
साथी प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वो हफ्ते भर से पिलर नंबर 764 पर डटे हुए थे। रविवार सुबह करीब सात बजे तबीयत अधिक बिगडऩे के बाद उनकी मौत हो गई। जगबीर के दो बच्चे हैं। उनके एक 32 वर्षीय लडक़े और 28 वर्षीय लडक़ी हैं।
भारतीय किसान यूनियन (घासीराम नैन) के अध्यक्ष चौधरी जोगिंदर नैन ने बताया कि सुबह लोगों ने चाय पीने के लिए बुलाया तो बेचैनी हो रही है। हालत ज्यादा खराब होने लगी, तो साथी प्रदर्शनकारी उन्हें बहादुरगढ़ अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
इसके अलावा सोनीपत में किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की रविवार को मौत हो गई है। मृतक किसान की पहचान कुलबीर (45) के रूप में हुई है। वे सोनीपत के गोहाना के गांव गंगाना के निवासी थे। किसान कुलबीर की कुंडली बॉर्डर पर पारकर मॉल के पास आंदोलन में जान गई है। हालांकि मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


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