खानाबदोश, साधुओं व कैदियों को बिना पहचान पत्र के लगेगी कोरोना वैक्सीन

केंद्र सरकार ने जारी किये आदेश

नई दिल्ली, 7 मई (आरएनएस)। देश में कोरोना के कोहराम को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक एसओपी जारी करके निर्देश दिये हैं कि देश में खानाबदोश, भिखारियों, साधुओं और कैदियों को बिना किसी पहचान पत्र के कोरोना टीका लगाया जाएगा।
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चलाए जा रहे कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान में और तेजी लाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान में ऐसे लोगों के ऐसे समूहों में विभिन्न धर्मों के साधु संतों समेत सभी खानाबदोश, भिखारियों, जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोगों का भी टीकाकरण किया जाएगा, जिनके पास कोई फोटो पहचान पत्र नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला कार्यबल के लिए एक एसओपी जारी करते हुए कहा है कि अब वैध पहचान पत्र वाले एक प्रमुख सूत्रधार की पहचान की जाएगी, जो इन समूहों के वैक्सीनेशन के लिए सेंटर प्वाइंट होगा। केंद्र ने यह भी कहा है कि जेल अधिकारियों और वृद्धाश्रम के अधिकारी प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम कर सकते हैं। इसमें जिला कार्यबल को ऐसे लोगों को कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिनके पास फोटो पहचान पत्र नहीं है। दरअसल, कोरोना के खिलाफ किए जा रहे हर एक वैक्सीनेशन का डाटा एक सॉफ्टवेयर पर पंजीकृत किया जाना है। इसके लिए वैक्सीन लगवाने वाले के पास एक वैध पहचान पत्र होना जरूरी माना गया है। ऐसे में जिन लोगों के पास कोई भी फोटो पहचान पत्र नहीं होगा, उन्हें वैक्सीन लेने में समस्या हो सकती है और ऐसे समूह से संक्रमण के मामलों के बढऩे का खतरा भी बना रहेगा।
दस्तावेज के साथ हो रहा है टीकाकरण
अभी तक देश में टीकाकरण के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और पेंशन दस्तावेज फोटो पहचान पत्र के तौर पर मान्य हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के बारे में कई आवेदन प्राप्त किए हैं, जिनके पास इनमें से कोई भी नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण सेवाओं को पहचान प्रमाणों के अभाव में अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इन लोगों का टीकाकरण केवल सरकारी केंद्रों पर होगा। लाभार्थियों की पहचान को सत्यापित करने के लिए प्रमुख सूत्रधार की आवश्यकता होगी।