कीटों के चलते फसल में रसायन का इस्तेमाल बना मजबूरी

रुड़की(आरएनएस)। फसलों पर बीमारियां और कीट पतंगो का आक्रमण लगातार बढ़ रहा है। फसलों को बचाने के लिए किसान महंगे रसायन का प्रयोग कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार रसायनों का अत्यधिक इस्तेमाल पर्यावरण और मृदा दोनों के लिए घातक है। स्थिति ऐसे ही चलती रही तो भविष्य में कृषि पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पिछले एक दशक में फसलों में आने वाली बीमारियां और नुकसान पंहुचाने वाले कीटों की संख्या में इजाफा होने पर रसायनों का प्रयोग डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए रसायनों का प्रयोग करने को विवश हैं। रसायन काफी महंगे होते हैं इससे उनका बजट भी बिगड़ता है और जान जोखिम में ड़ालकर स्प्रे करने पर श्रम भी अधिक लगाना पड़ता है। किसान सुधीर कुमार, हर्ष कुमार, प्रमोद कुमार आदि का कहना है कि एक दशक पूर्व कीटनाशकों का प्रयोग बेहद कम किया जाता था। अब फसल की बुवाई से लेकर कटाई के समय तक फसल को निरंतर बचाए रखने के लिए लगातार रसायनों का प्रयोग करना पड़ रहा है।

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