केदारनाथ में बोले पीएम मोदी बोले- उत्तराखंड का है आने वाला दशक

रूद्रप्रयाग (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने विकास कार्यों का जायजा लिया। पीएम ने करीब 18 मिनट तक गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। फिर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट लंबी प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद पीएम ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली के अवसर पर कल मैं अपने सैनिकों के साथ था। आज मैं सैनिकों की भूमि पर हूं। केदारनाथ में आई त्रासदी को याद करते हुए पीएम भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद लोगों को लग रहा था कि क्या उनका केदार कभी फिर से खड़ा हो पाएगा। पर मुझे विश्वास था कि केदारनाथ पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। मैं बारीकी से यहां के विकास कार्यों पर नजर रखता हूं। पीएम ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। सदियों बाद अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि पहले कहावत थी कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है। मैंने इसे बदलने की कोशिश की है। हम पलायन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। हमने वन सैनिकों की रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है। बीते सौ साल में जितने श्रद्धालु उत्तराखंड नहीं आए वे अगले दस सालों में आएंगे। इसके अलावा उन्होंने पहाड़ों पर टीकाकरण के लिए सीएम पुष्कर धामी की सराहना की।

चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे शब्द उत्तराखंड के लोग लिख लें- उत्तराखंड में जिस तेज गति से इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, पिछले 100 वर्ष में जितने यात्री यहां आए हैं, आने वाले 10 वर्ष में उससे भी ज्यादा यात्री यहां आने वाले हैं। चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है।

अब पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम आएगी
आनेवाला दशक उत्तराखंड का होने वाला है। पहले कहावत थी कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने इसे बदला है। अब पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम आएगी। पलायन रुकने वाला है। हमारे साथ बाबा केदार का आशीर्वाद है। चार धाम यात्रा के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। हमने वन रैंक वन पेंशन की पिछली शताब्दी की मांग को इस शताब्दी में पूरा किया। मुझे खुशी है कि मुझे सैनिकों की सेवा करने का मौका मिला। इसका लाभ उत्तराखंड के हजारों परिवार को मिला है।
हम विकास के महायज्ञ से पूरी ताकत से जुड़े हैं
राष्ट्रीय एकता की ताकत को बढ़ाने वाला, एक भारत श्रेष्ठ भारत का भव्य दर्शन, सहज जीवन व्यवस्था का हिस्सा था। हम विकास के महायज्ञ से पूरी ताकत से जुड़े हैं। इस समय हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। देश अपने भविष्य के लिए, अपने पुनर्निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। अमृत महोत्सव के इन संकल्पों में से आदि शंकराचार्य जी को हम एक प्रकार से बहुत बड़ी प्रेरणा के रूप में देख सकते हैं।

समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना भारत को मंजूर नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम काम का समय नहीं उसकी सीमा भी निर्धारित करते हैं। कुछ लोग कहते हैं इतने कम समय में यह कैसे होगा। यह होगा भी या नहीं। तब मेरे भीतर एक ही आवाज आती है, मुझे 130 करोड़ देशवासियों की आवाज सुनाई देती है, समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं। कई विभूतियों ने छोटे काल में कई युगों को गढ़ा। देश पुर्निर्माण के संकल्पों से आगे बढ़ रहा है।

सदियों बाद अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है
आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बड़े ही गौरव के साथ बन रहा है। अयोध्या को सदियों बाद उसका गौरव वापस मिल रहा है। भारत की प्राचीन सांस्कृति र्वरूप कैसा रहा होगा इसकी हम आज कल्पना कर रहे हैं। यूपी में काशी के कायाकल्प का काम हो रहा है। भारत राम से जुड़े जितने भी तीर्थस्थान हैं उन्हें जोड़कर सर्किट बनाने का काम चल रहा है।
आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फूंके
आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फूंके। मठों ने पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा मार्गदर्शन किया है। आज के समय पर आदि शंकराचार्य का ज्ञान ज्यादा प्रासंगिक है। शंकराचार्य ने जीवंत परंपरा खड़ी की। तीर्थाटन भारत की जीवंत परंपरा है। बाबा केदार के दर्शन करके हर श्रद्धालु एक नई ऊर्जा लेकर जाता है।

भगवान शंकर की कृपा से इस भूमि पर विकास कार्य हुए हैं
देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज केदारनाथ में यात्री सेवाओं और सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है। पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण हो, यात्रियों और यहां की सुविधा के लिए आधुनिक अस्पताल हो ऐसी कई सुविधा श्रद्धालुओं की सेवा का माध्यम बनेंगी। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं।

विश्वास के साकार होने का संतोष है
प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ में आई आपदा के बाद लोगों को लग रहा था कि क्या उनका केदार कभी फिर से खड़ा हो पाएगा। पर मुझे विश्वास था कि केदारनाथ पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यहां मेरे विश्वास के साकार होने का संतोष है। केदारनाथ की सेवा से बड़ा पुण्य कुछ भी नहीं है। यहा का काम ईश्वरीय कृपा है। इसका इंसान क्रेडिट नहीं ले सकता है। यहां बर्फबारी के बीच भी मेरे सभी भाई-बहन वे ये ईश्वरीय कार्य मानकर, काम छोड़कर जाते नहीं थे, काम करते थे तभी ये काम हो पाया है। मैं अपने दफ्तर से ड्रोन के जरिए लगातार बारिकियों को देखता था। मैं यहां वर्चुअली आता था।

कल सैनिकों के साथ था, आज उनकी भूमि पर हूं
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली के अवसर पर कल मैं अपने सैनिकों के साथ था। आज मैं सैनिकों की भूमि पर हूं। मैंने त्योहार की खुशियां अपने सैनिकों के साथ बांटी हैं। मैं 130 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद लेकर उनके पास गया था। गोवर्धन पूजा के दिन केदारनाथ धाम जी में दर्शन-पूजा करने का मुझे सौभाग्य मिला है। बाबा केदार के दर्शन के साथ मैंने आदि शंकराचार्य की समाधि स्थल में कुछ पल बिताए। वे दिव्य पल थे। मैं केदारनाथ आकर कण-कण से जुड़ जाता हूं।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने जय बाबा केदार के नारे लगाए। आप सभी आदि गुरु की प्रतिमा की पुर्नस्थापना के साक्षी बन रहे हैं। हमारे देश में एक से बढ़कर एक तपस्वी आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं। मैं सभी संतों को यहीं से प्रणाम करके आपका आशीर्वाद चाहता हूं।

पीएम मोदी का उत्तराखंड प्रेम किसी से छुपा नहीं है
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के प्रति पीएम मोदी का प्रेम किसी से छुपा नहीं है। प्रधानमंत्री लगातार आपदा के बाद की स्थिति की समीक्षा करते रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से कई ऐसे काम हुए हैं जो पहले नामुमकिन लगते थे। पहाड़ पर रेल पहुंचाना एक सपना होता था। कई लोग पिछले साल देहरादून में रेल देखने आए थे। टनकपुर से बागेश्वर तक रेल परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की और उनका केदारनाथ धाम से अटूट लगाव बताया। सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। पीएम के निर्देशन में 225 करोड़ रुपए के विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। आज इनका लोकार्पण किया जाएगा। हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं, सोचते हैं वो पूरा करते हैं। पीएम के नेतृत्व में भारत का मान-सम्मान पूरे विश्व में बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज केदारनाथ में आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची ब्‍लैक स्‍टोन से बनी प्रतिमा का अनावरण किया। आठ साल पहले 2013 में आई दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दिशा-निर्देश पर केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है। उधर, मैसूर के मूर्तिकारों ने 35 टन ब्‍लैक स्‍टोन पर आदिशंकराचार्य की भव्‍य और आकर्षक मूर्ति तैयार की है। मूर्ति के दर्शन कर लोग मैसूर के मूर्तिकारों के कौशल और मेहनत को दाद दिए बिना नहीं रह पा रहे।

पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला की विरासत को संजोए हुए मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने अपने पुत्र अरुण के साथ मिलकर मूर्ति का काम पूरा किया है। आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया था। इस विशेष परियोजना के लिए योगीराज ने कच्चे माल के रूप में लगभग 120 टन पत्थर की खरीद की और छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन है। योगीराज ने साल 2020 के सितंबर माह से प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया था।
प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया है।

सेना के सबसे बड़े हेलीकाप्‍टर से केदारनाथ पहुंची मूर्ति
इस मूर्ति को सेना के सबसे बड़े हेलीकाप्‍टर से 25 जून को केदारनाथ लाया गया था। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई कर बनाई गई है। समाधि के मध्य में आदिशंकराचार्य की प्रतिमा को स्थापित किया गया है।

पीएम मोदी ने की तारीफ
मूर्ति के अनावरण के लिए पहुंचे पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने भी समाधि के पुनर्निमाण के काम में जुटे श्रमिकों की तारीफ की। उन्‍होंने कहा कि यहां मौसम की प्रतिकूलता के चलते काम का समय काफी कम मिलता है। बर्फबारी के बीच भी काम में जुटे श्रमिकों ने अद्भुत प्रदर्शन किया है।

महान दार्शनिक और धर्मप्रवर्तक थे आदिगुरु
आदि गुरु शंकराचार्य भारत के एक महान दार्शनिक और धर्मप्रवर्तक थे। उन्होने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया था। उनका जन्म ई. पू. 508 में तथा महासमाधि 477 ई. पू. में हुई थी। आदिगुरु ने  भारत में चार कोनों में चार मठों की स्थापना की थी। मात्र 32 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति प्रदान की।


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