कार्यमंत्रणा समिति से नेता प्रतिपक्ष यशपाल और प्रीतम का इस्तीफा

देहरादून(आरएनएस)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सरकार पर राज्य के सर्वोच्च सदन विधानसभा को अपने ढंग से चलाने और विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया है। उनका यह भी आरोप है कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बिना विधानसभा के सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विपक्ष कानून व्यवस्था, आपदा के मुद्दे पर नियम 310 के तहत चर्चा कराना चाहता था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में यशपाल आर्य ने कहा कि इन परिस्थितियों में हमारा कार्यमंत्रणा समिति में रहना सार्थक नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उत्तरकाशी जिले के धराली सहित कई हिस्सों में आपदा ने तबाही मचा रखी थी। सरकार और सत्ता दल भाजपा का ध्यान आपदा राहत के बजाय पंचायत पदों के अपहरण करने पर था। इन घटनाओं के तुरंत बाद हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में पूरा विपक्ष चाहता था कि पंचायत चुनावों में हुई गुंडागर्दी और कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण राज्य में संवैधानिक संकट नियम 310 के तहत चर्चा होती। लेकिन सरकार इन विषयों को टालना चाहती थी। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार निष्पक्ष रूप से त्रिस्तरीय चुनावों को संपन्न कराने में बुरी तरह असफल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, उसके अधिकारियों और पुलिस ने मिलकर राज्य के हर जिले में पंचायत प्रतिनिधियों को डराकर, धमकाकर और अगवा कर पंचायतों पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि नैनीताल, बेतालघाट, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में पुलिस के संरक्षण में हुई अपराधिक घटनाओं ने देवभूमि को कुशासन वाले राज्यों की पंक्ति में खड़ा कर दिया है।