कार्तिक स्वामी में 11 दिवसीय महायज्ञ एवं देवी भागवत शुरू

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। कार्तिक स्वामी मंदिर में वैदिक मंत्रोचारण के साथ बुधवार से 11 दिवसीय महायज्ञ एवं श्रीमद देवी भावगत कथा शुरू हो गई। पहले दिन सैकड़ों भक्तजनों ने मंदिर में पहुंचकर पुण्य अर्जित किया। कार्तिकेय मंदिर समिति के सहयोग से भागवत कथा की जा रही है। विश्व कल्याण एवं क्षेत्र की खुशहाली के लिए पहले दिन क्षेत्र के सीमान्त गांव घिमतोली के स्वांरी ग्वास गांव में भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्नन (रूपछड़ी) की विशेष पूजा अर्चना संपन्न की गई। इसके बाद भगवान कार्तिक स्वामी की रूपछड़ी को ढोल दमाऊं एवं भक्तों के जयकारों कार्तिक स्वामी धाम रवाना किया गया। सुबह 10 बजे भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के यात्रा के अहम पड़ाव स्कन्द नगरी पहुंचने पर यहां मौजूद श्रद्वालुओं ने अक्षत एवं पुष्पों से भव्य स्वागत किया। यहीं पर भगवान की रूप छड़ी का गंगाजल से स्नान कर आरती उतारी गई। स्कन्दनगरी ने अल्प विश्राम करने के बाद भगवान कार्तिक स्वामी के रूप छड़ी अन्य देवी देवताओं के निशान कार्तिक स्वामी तीर्थ को रवाना हुई। ठीक 12 बजे भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचने पर भगवान नर रूप में अवतरित हुए। देवता ने हवनकुंड में गज मार कर 11 दिवसीय महायज्ञ की अनुमति दी गई। इस दौरान उपस्थित भक्तों ने कार्तिक स्वामी का आशीर्वाद भी लिया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके उपरान्त महायज्ञ में पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बाद हवनकुंड में अग्नि प्रज्वलित कर ब्राह्मणों ने महायज्ञ में जौ तिल व घी की आहुतियां डालने की प्रक्रिया शुरू की। श्रीमद देवीभावगत कथा के कथावाचक आचार्य वासुदेव प्रसाद थपलियाल ने कहा कि कलयुग में ऐसे तीर्थो के दर्शन करने से मात्र मनुष्य के सभी पापों को हरण हो जाता है। इस दिव्य पुराण के दर्शन एवं श्रवण करने से मनुष्य का विवेक जागृत होता है। 14 जून को भव्य जल कलश यात्रा एवं 15 जून को पुर्णाहुति के साथ समापन किया जाएगा। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी, सचिव बलराम नेगी, कोषाध्यक्ष चन्द्रसिंह नेगी, प्रबन्धक पूरण सिह, पुजारी नन्दू पुरी, रमेश सिंह, डीएस बत्र्वाल, सुरजी देवी, प्रदीप राणा, दिनेश थपलियाल, सुधीर नौटियाल समेत बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।