कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए शत प्रतिशत मतदान का संकल्प लिया

विकासनगर(आरएनएस)। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लोक सभा चुनाव से पहले राज्य कर्मचारी एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जैन बालिका इंटर कॉलेज विकासनगर में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े कर्मचारियों ने लोक सभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने का संकल्प लिया। साथ ही कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से कम अब कुछ भी मंजूर नहीं होगा। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रांतीय संयुक्त मंत्री पुष्कर राज बहुगुणा ने कहा कि कोई भी सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनसुना नहीं कर सकती। बताया कि पेंशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है। पेंशन भीख नहीं बल्कि हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे। कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली का आंदोलन अब बड़ा रूप लेने लगा है। कई राज्यों का चुनावी मुद्दा तक बन चुका है। हिमाचल प्रदेश का चुनाव ताजा उदाहरण है। लोकसभा के चुनाव में पुरानी पेंशन ही मुख्य मुद्दा होगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद कर्मचारियों के आंदोलन का देशभर में असर देखने को मिल रहा है। अब पुरानी पेंशन के मुद्दे पर भी सरकार को बैकफुट पर आना ही होगा। कर्मचारी बड़ी संख्या में राजनीति पर प्रभाव डालते हैं। लाखों की संख्या में कर्मचारी और उनके परिजन पुरानी पेंशन के मुद्दे पर मतदान करेंगे। कहा कि कर्मचारी जनता को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि मतदान कर जिनकी हम पेंशन शुरू कर रहे हैं, वही हमारी पेंशन बंद कर रहे हैं। इसी बात को लेकर सभी कर्मचारी ब्लॉक स्तर सभी मतदाताओं के पास जाएंगे और उन्हें शत-प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे।
लोकतंत्र में सभी के लिए एक नियम लागू हो
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश नौटियाल ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पूरे देश में सभी के लिए एक समान नियम लागू होना चाहिए। विधायिका से जुड़े हुए लोगों को एक साल के कार्यकाल पर भी पेंशन की सुविधा दी जा रही है, जबकि कर्मचारी को तीस साल तक की सेवा के बाद भी खाली हाथ सेवानिवृत्त होना पड़ रहा है।
पुरानी पेंशन बहाली से अर्थव्यवस्था पर असर नहीं
प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण वर्मा ने बताया कि कोई भी शासकीय कर्मचारी पूरी सेवाकाल में तीन सौ से 360 माह तक सेवारत रहता है। प्रत्येक माह पेंशन मद में कर्मचारी और सरकार का एक निश्चत अंशदान जमा होता है। इससे कर्मचारी के खाते में इतनी राशि जमा हो जाती है कि उसके व्याज से ही पेंशन का भुगतान हो सकता है। ऐसे में सरकार की अर्थव्यवस्था पर पुरानी पेंशन बहाली से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।