कांवड़ यात्रा रोकने के फैसले से नाराज व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

रुडक़ी।  कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के सरकार के फैसले से लक्सर के ज्यादातर व्यापारी नाराज हैं। उनका कहना है कि जब कोरोना पूरे उफान पर था, तब सरकार महाकुंभ करा सकती है, तो अब कोरोना शांत होने पर कांवड़ यात्रा रोकना पूरी तरह गलत है। उन्होंने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है। हरिद्वार में हर साल श्रावण मास में कांवड़ मेला भरता है। इसमें उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली सहित कई प्रदेशों के श्रद्धालु आकर गंगाजल भरते हैं और सावन महीने की अमावस्या से दो दिन पूर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं लेकिन इस बार कोविड की तीसरी लहर का हवाला देते हुए सरकार ने कांवड़ मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले से लक्सर के व्यापारी खासे नाराज हैं। रेस्टोरेंट संचालक बिट्टू चौधरी, सचिन कुमार का कहना है कि कांवड़ यात्रा से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार इसे पाबंदियों के साथ संपन्न करा सकती थी। इस पर रोक लगाया जान गलत है। व्यापारी विनित गर्ग, सन्नी अग्रवाल, का कहना है कि महाकुंभ के बराबर को कोई आयोजन पूरी दुनिया में नहीं होता है। जब सरकार गाइड लाइन के मुताबिक महाकुंभ करा सकती है तो कांवड़ यात्रा भी संपन्न कराई जा सकती है। सन्नी तायल, प्रदीप कुमार, विनोद कुमार, संजय कुमार आदि व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल कोरोना का भारी प्रकोप होने के बावजूद सरकार ने कांवड़ यात्रा कराई थी। इस बार भी अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो व्यापारी मजबूर होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

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