जोशीमठ त्रासदी से बढ़ने लगी तीर्थ पुरोहितों की चिंता

नई टिहरी। बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने जोशीमठ त्रासदी से सबक लेते हुए सरकार से धाम में मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण और ध्वस्तिकरण कार्य को तत्काल रोकने की मांग की है। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से मास्टर प्लान की भूगर्भीय रिपोर्ट सार्वजनिक करने की भी मांग की है। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिपीठ की मौजूदा स्थिति ने तीर्थ पुरोहितों की चिंता बढ़ा दी है। श्री बद्रीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी का कहना है कि बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत अलकनंदा के दोनों छोरों पर बड़ी बड़ी मशीनों से मजबूत प्राकृतिक संरचनाओ को ढहा दिया गया है। पूरे धाम को कंक्रीट के जंगल में बदला जा रहा है। सैकड़ों वर्षों से बदरीनाथ मंदिर को ग्लेशियर से सुरक्षा दे रहे तीर्थ पुरोहितों के आवासों को हटाने का काम जारी है। पंडा पंचायत ने भविष्य मे बदरीनाथ धाम के दूसरे जोशीमठ बन जाने की आशंका जताते हुए कहा कि मास्टर प्लान में तीर्थ पुरोहित व समस्त भारत के हिंदू धर्मावलंबियों की शंकाओ को मिटाया जाना चाहिए। मास्टर प्लान से भूगर्भीय स्थिति में होने वाले बदलाव की रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जानी चाहिए। बदरीनाथ धाम को भव्य दिव्य बनाने की जिद कहीं इसके अस्तित्व को ही सदा के लिए समाप्त नहीं कर दें। प्राचीन शास्त्रों में जोशीमठ क्षेत्र स्थित जय विजय पर्वत के एक हो जाने व बदरीनाथ धाम के लुप्त हो जाने की भविष्य वाणी की गयी है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार जिस तेजी से घटनाएं सामने आ रही हैं, कहीं यह भविष्यवाणी सत्य होने समय ना आ गया हो।

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