जिला सहकारी बैंक टिहरी ने सबसे अधिक लाभ अर्जित किया

लाभ अर्जित करने में बैंक ने मैदानी क्षेत्रों के बैंकों को पछाड़ा

नई टिहरी। डीसीबी टिहरी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेशभर में सबसे अधिक लाभ अर्जित किया है। बैंक ने 21 करोड़ रूपये का ग्रास और 9.01 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित कर देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे जिलों को पीछे छोड़ दिया है। बैंक ने शुद्ध एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) को 1.53 प्रतिशत पर ला दिया है।  बुधवार को जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) टिहरी की बोर्ड बैठक में बैंक के अध्यक्ष सुभाष चंद रमोला ने बताया कि टिहरी बैंक ने शुद्ध लाभ और एनपीए को नीचे लाने में प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि टिहरी बैंक का शुद्ध लाभ 9.01 करोड़ रहा है। बैठक में शिक्षकों की सीसीएल को भी 25 लाख से बढ़कार 35 लाख रूपये कर दिया है, जबकि जिले की चार सहकारी समितियों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत काश्तकारों को मुर्गी पालन के लिए स्वरोजगार देने के लिए चिन्हित किया है। जिसमें नरेंद्रनगर की आमपाटा व पोखरी, प्रतापनगर की सौंदी और रुद्रप्रयाग की उत्तरासू समिति शामिल हैं। कहा कि काश्तकारों को 1.50 लाख रूपये का ऋण बगैर ब्याज के दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी जीरो प्रतिशत ब्याज पर काश्तकारों को पशुपालन, आजीविका संवर्धन, कृषि, उद्यानीकरण आदि कार्य के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। बैंक की प्रगति पर उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई देते हुए मनोयोग से काम करने और ग्रॉस एनपीए को 6 प्रतिशत और नीचे लाने का लक्ष्य दिया। बताया सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैंक प्रबंधन और अधिकारियों को इसके लिए शुभकमाना दी है। बैठक में जीएम संजय रावत, निदेशक टीकाराम भट्ट, नरेश नेगी, सतपाल कलूड़ा, जयप्रकाश चंद, रोशनी राणा, उषा बडोला, विजय लक्ष्मी पंवार, डीजीएम नारायणी सिंह, संजीव कुमार, बीएस पुंडीर, यशवंत भंडारी आदि उपस्थत थे।


Exit mobile version