जल संस्थान ठेका कर्मचारियों के साथ लूट का लगाया आरोप

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ ने ठेका कर्मचारियों के साथ लूट किए जाने का आरोप लगाया। कहा कि विभागीय ठेकेदार खुलेआम लूट कर रहे हैं, जल संस्थान मैनेजमेंट इस लूट पर आंखें मूंदे बैठा है। जल संस्थान से ठेकेदार को 20 हजार रुपए भुगतान होता है, बदले में ठेकेदार कर्मचारियों को महज चार से छह हजार रुपए महीना ही भुगतान कर रहा है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने जल भवन नेहरू कालोनी में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। जल भवन नेहरू कालोनी में क्रमिक अनशन के दौरान अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में साढ़े तीन हजार के करीब ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन्हीं कर्मचारियों के ऊपर पेयजल योजनाओं के संचालन का जिम्मा है। जल संस्थान की ओर से हर साल योजनाओं के संचालन का टेंडर किया जाता है। ठेकेदार को हर बार बढ़ा कर पैसे का भुगतान किया जा रहा है। इसके बाद भी ठेका कर्मचारियों को श्रम मानकों के अनुरूप भुगतान नहीं किया जा रहा है। श्रम विभाग के मानकों के अनुसार जल संस्थान ठेका कर्मचारियों को हर महीने 15 हजार रुपए से अधिक का भुगतान किया जाना चाहिए। जब जल संस्थान की ओर से पूरा भुगतान किया जा रहा है, तो क्यों विभाग की ओर से ठेकेदारों से हिसाब किताब नहीं मांगा जाता है। महामंत्री मंगलेश घिल्डियाल ने कहा कि फील्ड में ठेकेदार एक एक ब्लॉक में दो कर्मचारियों से ही काम चला रहा है। जबकि विभाग से भुगतान अधिक कर्मचारियों का लिया जा रहा है। किसी कर्मचारी को चार हजार रुपए तो किसी को छह हजार रुपए ही भुगतान हो रहा है। वाहन में तेल का पैसा भी नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों को हर महीने नियमित भुगतान भी नहीं किया जाता। तीन से लेकर छह महीने के बीच भुगतान होता है। इस पूरे गोलमाल की जांच कर कर्मचारियों को श्रम मानकों के अनुसार ही भुगतान किया जाए।
बलवीर पयाल ने कहा कि यदि जल्द समान काम का समान वेतन भुगतान नहीं किया जाता है, तो सचिवालय का घेराव किया जाएगा। कर्मचारी परिवार सहित आमरण अनशन करेंगे। विरोध जताने वालों में महामंत्री मंगलेश लखेड़ा, गणेश नाथ गोस्वामी, बलवीर पयाल, प्रवीण बोहरा, चंद्र मोहन, गोविंद आर्य, गिरीश चंद्र, अमित जोशी, जीएन गोस्वामी, आशीष द्विवेदी, कोमल पयाल, सूर्यप्रकाश, प्रवीण डोभाल, दिनेश नयाल, महेश, प्रवीण बिष्ट, नरेंद्र सिंह, शुभम पंवार आदि मौजूद रहे।