जल संस्थान के अंशकालिक मजदूरों ने मांगा सम्मानजनक मानदेय

बागेश्वर। उत्तराखंड जल संस्थान मजदूर संघ ने जिलाधिकारी विनीत कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। उन्होंने ज्ञापन में अपनी व्यथा बताई है और समस्याओं का निदान करने की मांग की है। शुक्रवार को संघ के अध्यक्ष धरम सिंह कार्की के नेतृत्व में जलसंस्थान के मजदूर कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि जिले की ग्रामीण पेयजल आपूॢत व्यवस्था उनके हाथों में है। वह ग्राम सभाओं में पाइप लाइन की देखरेख, रख-रखाव आदि करते हैं। उन्हें 2800 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। पीटीसी पदों पर करीब 110 कर्मचारी पिछले 25 सालों से नियुक्त हैं। कभी-कभी दिनभर भी वह काम करते हैं। हालांकि प्रतिदिन चार से पांच घंटा नियमित काम होता है। भविष्य में कार्य के अनुरूप सम्मानजनक वेतन मांग रहे हैं। हर घर नल से जल का अतिरिक्त काम भी उन्हें सौंपा जा रहा है। न्यूनतम मानदेय भी विभाग देने को तैयार नहीं है। श्रम विभाग में उनका पंजीकरण भी है। कई बार मांगों को लेकर विभागीय अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कोविड-19 से संक्रमितों को होटल, पंचायतघर, स्कूल आदि स्थानों पर रखा जा रहा है। वहां भी पेयजल आपूॢत की जा रही है। इसके बाद भी संतोषजनक मानदेय नहीं मिलने से उनके परिवार के सामने आॢथक संकट पैदा हो गया है। वर्तमान में महंगाई चरम पर है और यदि उनका मानदेय नहीं बढ़ा तो उनकी सामने बड़ी दिक्कत होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से सम्मानजनक मानदेय दिलवाने की मांग की है। इस मौके पर मोहन चंद्र पंत, शेर सिंह, नंद किशोर, चनर राम, हरीश चंद्र कनसेरी आदि मौजूद थे।

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