भारत-नेपाल सीमा के नोमैंस लैंड मामले में खुफिया एजेंसियों को मिली कई चौकाने वाली जानकरियां

चम्पावत। चम्पावत जिले में टनकपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा के नोमैंस लैंड में कब्जा जमाने के मामले में खुफिया एजेंसियों को कई चौकाने वाली जानकरियां मिली हैं। जांच में पता चला है कि नोमैंस लैंड पर अतिक्रमण नेपाल के कंचनपुर जिले की महापालिका और मेयर सुरेंद्र बिष्ट के संरक्षण में हुआ। जिसके लिए बाकायदा करीब 49 लाख रुपये की फंडिंग भी की गई थी। मेयर सुरेंद्र नेपाल के नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के करीबी माने जाते हैं। बीते 22 जुलाई को टनकपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा स्थित नोमैंस लैंड पर करीब 150 नेपाली नागरिकों ने एक बड़े हिस्से में तारबाड़ कर ढ़ाई हजार से अधिक पौधे लगा दिए हैं। एसएसबी और चम्पावत जिला प्रशासन के कड़े विरोध पर भी अतिक्रमणकारी नेपाल एपीएफ की नाक के नीचे तीन दिनों तक विवादित स्थल में तारबाड़ और पिलर लगातेे रहे। सीमा पर तैनात एसएसबी अब तक केंद्रीय दिशा-निर्देश के इंतजार में है। इस बीच खुफिया एजेंसियों को नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण के पीछे नेपाल का हाथ होने के प्रमाण मिले हैं। जिसकी जांच उच्चस्तरीय अधिकारियों ने शुरू कर दी है।


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