इंजेक्शन नहीं मिलने पर सीएमओ कार्यालय में हंगामा, अफसरों को घेरा
देहरादून। ब्लैक फंगस के मरीजों को देहरादून में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को विभिन्न अस्पतालों से बड़ी संख्या में लोग इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन लेने के लिए सीएमओ ऑफिस पहुंचे लेकिन उनको वहां संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। तीमारदारों ने उनको गेट से ही टरका देने पर कड़ी नाराजगी जताई। स्थिति संभालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। शनिवार को ब्लैक फंगस बीमारी से ग्रसित लोगों के परिजन इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन लेने के लिए सीएमओ दफ्तर पहुंचे। यहां इंजेक्शन नहीं मिलने पर लोगों ने हंगामा किया। इस सूचना पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी सीएमओ कार्यालय पहुंचे और लोगों के समर्थन में धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटे धरने पर बैठने के दौरान उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य विभाग को घेरा। उन्होंने सीएमओ डा. अनूप डिमरी और एसीएमओ डा. कैलाश गुंज्याल से अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधारने और मरीजों के लिए दवाइयों का इंतजाम करने की मांग की। उन्होंने करीब एक घंटे तक धरना दिया। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा से फोन पर वार्ता के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने आश्वासन दिया कि एक-दो दिन में इंजेक्शन मिल जाएंगे, जिसके बाद मरीजों को दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद जो परिजन एम्स ऋषिकेश, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, हिमालयन अस्पताल से आए थे, वापस चले गये और उनका नाम एवं नंबर लिख लिया गया। इंजेक्शन आते ही उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।
एसीएमओ कमरा छोडक़र चले गये: एसीएमओ डा. कैलाश गुंज्याल से जब सूर्यकांत धस्माना सवाल करने लगे तो गुंज्याल ने कहा कि उनके पास कोविड का इतना काम है कि वह इसी में उलझ कर रह गये हैं। उनके पास इंजेक्शन है ही नहीं तो वह कहां से दें। उनका काम केवल इंजेक्शन जारी करना है। ऊपर से मिलेंगे तो मरीजों को देने में उन्हें क्या दिक्कत। बहस बढऩे पर वह कार्यालय छोडक़र दूसरे कमरे में चले गये।