आईआईटी परिसर में मिली पौधों की 304 प्रजातियां

रुडकी। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) देहरादून ने आईआईटी रुड़की परिसर के वनस्पतियों और जीवों की जैव विविधता रिपोर्ट जारी की। परिसर के अंदर 237 वंश और 87 विविध पौधों के परिवारों से संबंधित कुल 304 प्रजातियां दर्ज की गईं। आईआईटी में आयोजित कार्यक्रम में रिपोर्ट दी गई। यह आईआईटी रुड़की कैंपस के जैव विविधता का इस तरह का पहला दस्तावेज है। वन्यजीव संस्थान को परिसर में मौजूद 175 साल पुरानी जैव विविधता से संबंधित सूची को पूरा करने का दायित्व दिया गया था। आईआईटी परिसर में टाइफोनियम इनोपिनटम की खोज हुई, जो अरेसी (अरुम) परिवार से जुड़ा घासनुमा औषधीय पौधा है। यह उत्तराखंड राज्य का पहला रिकॉर्ड है। पांच महीने तक चले इस लंबे वानस्पतिक सर्वेक्षण में पेड़ों, झाड़ियों और जड़ी-बूटियों के साथ-साथ लकड़ी और जड़ी-बूटियों की लताओं से संबंधित पौधों की उपस्थिति का पता चला। परिसर के अंदर 237 वंश और 87 विविध पौधों के परिवारों से संबंधित कुल 304 प्रजातियां दर्ज की गईं। फूलों के प्रकारों में 140 प्रजातियों के साथ पेड़ सबसे प्रमुख थे। इसके बाद जड़ी-बूटियां 91 प्रजातियां, झाड़ियां 45 प्रजातियां और 28 प्रजातियां लताएं थीं। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि मानव प्रभाव जलवायु परिवर्तन को तेज कर रहा है। वैश्विक स्तर पर गंभीर पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ रही हैं। आईआईटी रुड़की परिसर को बड़े हरे क्षेत्रों से नवाजा गया है। जो परिसर को शहरी हरे-भरे क्षेत्र की विशेषता प्रदान करता है। निदेशक भारतीय वन्य जीव संस्थान डॉ. धनंजय मोहन ने कहा कि 365 एकड़ में फैले और तेजी से बढ़ते रुड़की शहर के बीच स्थित आईआईटी रुड़की परिसर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का समर्थन करने के लिए जाना है। आईआईटी रुड़की के निदेशक ने कैंपस में स्थित विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का दस्तावेजीकरण करने का अवसर प्रदान किया। इस दस्तावेज का प्रकाशन एक आकर्षक और रंगीन शैली में किया गया है। इसके माध्यम से कैंपस वासियों का रुझान प्रकृति के संरक्षण की ओर बढ़ेगा। इस दौरान आईआईटी रुड़की के ग्रीन कमेटी के संयोजक प्रो. अरुण कुमार, डॉ.आर सुरेश कुमार, प्रो. अवलोकिता अग्रवाल आदि मौजूद रहे।


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