अधूरी रह गई सतपाल महाराज की आईएएस अधिकारियों की एसीआर लिखने की ख्वाहिश

देहरादून। उत्तराखंड में मंत्रियों को आईएएस अधिकारियों की एसीआर या वार्षिक मूल्यांकन का अधिकार इस साल नहीं मिल पाएगा। उत्तराखंड शासन से जारी हुए पत्र से साफ है कि इस साल भी पुरानी व्यवस्था के तहत मुख्यमंत्री ही अधिकारियों की अंतिम वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां करेंगे। इस तरह सतपाल महाराज द्वारा आईएएस अधिकारियों की सीआर लिखने की इच्छा कम से कम इस साल तो पूरी नहीं हो पाएगी। हाल ही में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों के रवैया को देखते हुए मुख्यमंत्री से आईएएस अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी इस मामले पर विचार के बाद फैसला करने के लिए कहा था। फिलहाल इस विषय को लेकर विचार किया जा रहा है, लेकिन इस बीच शासन की तरफ से अधिकारियों को 2021-22 के लिए वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां किए जाने को लेकर आदेश जारी किया गया। मबता दें कि वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां करने के लिए 22 अप्रैल अंतिम तारीख रखी गई है। यानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आईएएस अधिकारियों का मूल्यांकन 22 अप्रैल तक हर हाल में करना है। लिहाजा आदेश पत्र में सभी अधिकारियों को अनुरोध किया गया है कि वे जल्द से जल्द खुद का मूल्यांकन और अधीनस्थ आईएएस अधिकारियों का मूल्यांकन भी ऑनलाइन Sparrow वेबसाइट पर अंकित कर दें, ताकि मुख्यमंत्री भी 22 अप्रैल तक सभी आईएएस अधिकारियों का मूल्यांकन कर सकें.पढ़ें- हल्द्वानी रेलवे स्टेशन का होगा विस्तारीकरण, गफूर बस्ती से अतिक्रमणकारियों को हटाने की तैयारीखास बात यह है कि इस साल 2021-22 के लिए पूर्ववर्ती व्यवस्था के तहत ही वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि लिखी जा रही है। यानी मंत्रियों को आईएएस अधिकारियों का मूल्यांकन करने का अधिकार नहीं होगा, लेकिन निदेशक स्तर के आईएएस अधिकारियों को लेकर कैबिनेट मंत्री अपना कमेंट दे सकते हैं, हालांकि उसको इसमें शामिल किया जाएगा या नहीं यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होगा। जाहिर है इससे यह तो तय हो गया है कि इस साल भी मंत्री अधिकारियों का मूल्यांकन नहीं कर पाएंगे।