खराब राशन मिलने पर हरिपुरधार में लोगों का जोरदार हंगामा

 

आरएनएस

राजगढ़। खाद्य आपूर्ति निगम की दुकान व डिपो से खराब राशन मिलने पर गत दिवस हरिपुरधार में लोगों ने जोरदार हंगामा किया। लोगो की शिकायत थी की उन्होंने सरकारी राशन की दुकान से जो राशन खरीदा है, उसमे कंकर व मिट्टी की मिलावट की गई हैं। सरकारी डिपो से आटा भी खराब मिल रहा है। लोग सुबह ही सारा खराब राशन लेकर डिपो में पहुंच गए और डिपो के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। उसके बाद निगम की परचून दुकान के विक्रेता ने सारा राशन वापस ले लिया। डिपो के थोक विक्रेता की ओर से सभी डिपो होल्डर को भी खराब राशन वापस भेजने के मौखिक आदेश दिए गए। टिक्करी डसाकना पंचायत के उप प्रधान दीपराम ने बताया की उन्होंने सरकारी राशन की दुकान से गेहूं खरीदा था जब घर में जाकर देखा तो उसमे मिट्टी व कंकर की भारी मिलावट की गई थी। इसी पंचायत के ज्ञान सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने सरकारी राशन की दुकान से आटा लिया था। आटा इतना खराब आया है कि उसमे इतनी स्मेल है कि इंसान तो क्या पशु भी उस आटे को खाने से मुंह फेर लेते है। कई लोगो ने चावल में भी कंकर के मिलावट होने की शिकायत की। टिक्करी डसाकना पंचायत के प्रधान मदन राणा ने बताया कि पिछले 10-12 दिनो  से उनके पास खराब राशन मिलने की कई शिकायते आई है। उन्होंने इस बारे में निगम के अधिकारियों से भी इस बारे में बात की थी।

लगभग 3500 क्विंटल राशन होता है वितरित
हरिपुरधार डिपो से 17 डिपो होल्डर के माध्यम से पूरे क्षेत्र में राशन वितरित होता है। डिपो होल्डरों को 150 से 250 क्विंटल राशन वितरित किया जाता है। डिपो से एक महीने में पूरे क्षेत्र में करीब 3500 क्विंटल राशन वितरित होता है। हरिपुरधार डिपो के थोक प्रभारी जगदीश अत्री ने बताया की खराब राशन मिलने की कुछ शिकायते मिल रही है। उन्होंने बताया कि लोग जब डिपो से राशन खरीदते है तो उन्हें उस दौरान गुणवता देखकर ही राशन लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि वह लोगो से खराब राशन वापस ले रहे हैं। उन्होंने बाताया कि डिपो होल्डर को भी खराब राशन वापस करने को कहा गया है।

सैंपलिंग के दिए आदेश
जिला खाद्य आपूर्ति  नियंत्रक पवित्रा पुंडीर ने बताया कि इस मामले की उनके पास अभी तक कोई भी जानकारी नहीं है। हरिपुरधार में यदि राशन से संबंधित कोई शिकायते मिल रही है तो उसकी जांच की जाएँगी। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर को तुरंत सैंपलिंग के आदेश दिए जाएंगे। यदि सैंपल फेल हुए तो संबंधित कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।