बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा दोबारा होगी, मेडिकल विवि के सिस्टम पर ये उठे सवाल

देहरादून। बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा के पेपर का पैटर्न बदले जाने के कारण छह हजार से ज्यादा छात्रों की फजीहत के बाद एचएनबी मेडिकल विवि ने 18 जून को दोबारा परीक्षा का फैसला लिया है। अब विवि के मॉनीटरिंग सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि प्रेस में पेपर छपने से पहले क्या किसी जिम्मेदार अफसर या विशेषज्ञ ने पेपर की जांच नहीं की कि यह पाठ्यक्रम एवं आईएनसी की गाइडलाइन के मुताबिक है या नहीं। पेपर का पैटर्न इस तरह बदला गया कि फिजिक्स और कैमेस्ट्री के सवाल ही नहीं पूछे गए और बॉयोलॉजी के 80 सवाल रख दिए।
जानकारों के मुताबिक इस तरह की परीक्षा कराने वाली संस्था पहले कई विषय विशेषज्ञों से सवाल या पेपर का सेट बनवाती है। विशेषज्ञों को भी यह जानकारी नहीं होती कि उनका सेट, सवाल परीक्षा में आएंगे या नहीं। विवि में कई स्तर पर इन सवालों या सेट में से फाइनल सेट तैयार किए जाते हैं। एक पेपर मॉडरेटर होता है, जो गोपनीय तरीके से पेपर की जांच करता है कि सही है या नहीं। उसे एक नहीं बल्कि दो या तीन पेपर दिए जाते हैं। आखिर में कौन सा पेपर आएगा यह बेहद गोपनीय होता है। वहीं, जिस सेट को छपने को भेजा गया, क्या विशेषज्ञ द्वारा उसे पाठ्यक्रम देखकर नहीं बनाया था। उधर, बीएससी नर्सिंग के पैटर्न के बदलवाने के साथ ही कुछ सवालों में भी कमियां पाई गई है। कई सेंटरों से इस संबंध में अपनी गोपनीय रिपोर्ट भेजी गई है। विवि के अफसर इस बिंदु पर भी जांच कर रहे हैं।
कुलपति प्रो0 हेमचंद्र पांडे एवं कुलसचिव प्रो0 एमके पंत ने कहा कि परीक्षा समिति की बैठक कर ली गई है। फिलहाल विवि का फोकस छात्रों के भविष्य पर है। उनकी दोबारा परीक्षा कराई जा रही है। पेपर तैयार करने एवं प्रकाशन की प्रक्रिया बहुत गोपनीय होती है। कई स्तर पर मॉनीटरिंग होती है। किस स्तर पर चूक हुई है। इस विषय की एक कमेटी विस्तृत जांच करेगी। उधर, बताया गया है कि विवि ने हाल ही में एक नई एजेंसी को तकनीकी सपोर्ट एवं पेपर प्रकाशन से अनुबंध किया है।
विवि में अफसर-कर्मचारियों का टोटा
मेडिकल विवि में अफसर और कर्मचारियों की भारी कमी है। नियमित कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक भी नहीं है। प्रभार के तौर पर व्यवस्था देखी जा रही है। सिस्टम मैनेजर, उप परीक्षा नियंत्रक, सहायक कुलसचिव, वैयक्तिव सहायक, लेखाकार, सहायक लेखाकार, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, स्टोर कीपर के 15 पदों पर दूसरे विभागों से 21 अप्रैल को आवेदन में मांगे थे। कुलपति प्रो। हेमचंद्र पांडे के मुताबिक प्रतिनियुक्ति के लिए ज्यादा आवेदन नहीं मिले हैं। भर्तियों के लिए शासन से भी पत्राचार किया गया है।