प्रदेश को हो रहा राजस्व का घाटा, हिमाचल से आ रहा प्रतिबंधित उप खनिज
विकासनगर। पछुवादून के रास्ते हिमाचल प्रदेश से आने वाली अवैध खनन सामग्री से उत्तराखंड को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। राज्य सरकार की रोक के बावजूद कुल्हाल बॉर्डर से होते हुए बड़ी मात्रा में अवैध उप खनिज पछुवादून के विभिन्न कस्बों और गांवों समेत देहरादून तक पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन कभी कभार कार्रवाई कर कुछ वाहनों को सीज करने तक ही सीमित रह गया है। उत्तराखंड खनिज नियमावली के तहत प्रदेश सरकार ने राज्य की सीमा के बाहर से आरबीएम, बोल्डर और धुली बजरी (जीरा) का परिवहन पूर्ण तौर पर प्रतिबंधित है। बावजूद इसके हिमाचल प्रदेश से कुल्हाल बॉर्डर के रास्ते धुली बजरी और अन्य प्रतिबंधित उप खनिज हर रोज बड़ी मात्रा में पछुवादून पहुंच रहा है। हिमाचल प्रदेश के स्टोन क्रशर से कट स्टोन के रवन्ने पर ट्रकों में 20 एमएम के कट स्टोन (रोड़ी) के नीचे कई टन धुली बजरी को ढोया जा रहा है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में आरबीएम भी हिमाचल प्रदेश की सीमा से पछुवादून के रास्ते देहरादून और अन्य शहरों तक पहुंचाया जा रहा है। हर रोज रात के अंधेरे में शिमला बाईपास से दर्जनों वाहन अवैध उप खनिज का ढुलान कर रहे हैं, जिससे प्रदेश सरकार को राजस्व का घाटा हो रहा है। बावजूद इसके शासन, प्रशासन की ओर से हिमाचल प्रदेश के स्टोन क्रशरों को ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई नहीं की जा रही है।