हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद शासन में खलबली …
अगली सुनवाई से पूर्व सरकार कर सकती रोडवेज कर्मचारियों को दो माह का वेतन और जारी
देहरादून। रोडवेज कर्मचारियों को चार माह से वेतन न मिलने के मामले में हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणीं को लेकर शासन में खलबली मच गई। सूत्रों ने बताया कि परिवहन और वित्त विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में रोडवेज प्रबंधन के साथ संपर्क कर दो माह के वेतन बिल बनाने के निर्देश दिए। जिसके बाद रोडवेज मुख्यालय ने सभी मंडलों और डिपो अधिकारियों को पत्र भेज फरवरी और मार्च के वेतन के बिल मुख्यालय भेजने का आदेश दे दिया। माना जा रहा कि हाईकोर्ट की अगली सुनवाई से पूर्व सरकार रोडवेज कर्मचारियों को दो माह का वेतन और जारी कर सकती है। कोरोना काल के बाद से रोडवेज में वेतन के लिए लाले पड़े हुए हैं। पिछले वर्ष मार्च से दिसंबर तक का वेतन भी राज्य सरकार से मिली मदद के जरिये किया गया, जबकि इस वर्ष जनवरी का वेतन पिछले सप्ताह ही सरकार से मिले 20 करोड़ रूपये की मदद पर किया गया। मौजूदा समय में प्रबंधन पर फरवरी से मई तक यानी चार माह का वेतन लंबित है जबकि जून के खत्म होने ही पांच माह का वेतन लंबित हो जाएगा। इस बीच शनिवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया कि आपात कैबिनेट बुलाकर कर्मचारियों के वेतन पर फैसला लिया जाए। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने वित्त एवं परिवहन सचिव समेत आइएएस अधिकारियों का वेतन रोकने की चेतावनी दी तो इसका पता चलते ही शासन में खलबली मच गई। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश को लेकर शासन के उच्चाधिकारियों की आपात बैठक हुई और अगली सुनवाई से पहले मामले का ठोस हल निकालने पर चर्चा हुई। इसी दौरान तय हुआ कि रोडवेज को फौरी मदद के तौर पर इतनी धनराशि दी जाए, जिससे वह दो माह का वेतन और दे सके। इसी क्रम में फरवरी व मार्च के वेतन बिल मांगे गए हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि हमें माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा है। न्यायालय भी कर्मचारियों व उनके परिवारों की दयनीय स्थिति को लेकर चिंता कर रहा है, ये हमारे लिए यही सबसे बड़ी बात है। कोरोना काल में खुद की परवाह किए बगैर रोडवेज कर्मचारियों ने दिन-रात डयूटी करते हुए प्रवासी को लाने और ले जाने का काम किया। इसके बावजूद कर्मचारियों को पांच माह तक वेतन नहीं मिल रहा, खुद सोचिए कैसे चलेगा हमारा परिवार। कोरोना होने के कारण रोडवेज के 25 से ज्यादा कर्मचारियों की मृत्यु हो गई। कर्मचारियों को वेतन मिल रहा, न ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देयक का भुगतान हो रहा। बच्चों की पढ़ाई, शादी तक में रुकावट आ गईं। उधार लेकर घर के खर्चे पूरे किए जा रहे। कर्मचारी यूनियन को पूरा यकीन है कि न्यायालय कर्मचारियों के साथ न्याय करेगा व सरकार भी न्यायालय के आदेश का पालन करेगी।