हरितालिका तीज व्रत 30 अगस्त को

रुडकी। हरितालिका तीज व्रत तीस अगस्त को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाएगा। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। आईआईटी स्थित सरस्वती मंदिर के पुजारी आचार्य राकेश शुक्ल ने बताया कि यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों और कुंवारी कन्याओं के लिए खास होता है। यह व्रत निर्जल किया जाता है। इसमें जल और अन्न दोनों का त्याग करके व्रत को संपन्न करना चाहिए। इस बार हरितालिका तीज व्रत मंगलवार तीस अगस्त को आ रहा है। आचार्य शुक्ल ने बताया कि इस दिन हस्त नक्षत्र तथा शुभ योग में पड़ रहा है। इसके अलावा इस दिन रवि योग भी पड़ रहा है। शिव पुराण के अनुसार सबसे पहले माता पार्वती ने इस व्रत को किया था। जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शंकर पति रूप में प्राप्त हुए थे। माता पार्वती भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। तपस्या से भगवान शंकर का आसन हिलने लगा और भगवान वहां पर प्रकट हो गए जहां पर माता पार्वती उनकी आराधना में लीन थी। आचार्य शुक्ल ने बताया कि व्रत के लिए भगवान शिव की मिट्टी या रेत की मूर्ति बनाकर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। षोडशोपचार पूजन करके सोलह श्रृंगार अर्पण किया जाता है। इस बार पूजा का विशेष मुहूर्त तीस अगस्त को सुबह 9:30 बजे से 11:05 बजे के बीच और प्रदोष काल में लगभग 6:30 बजे से 8:50 के मध्य रहेगा।