2016 में राजभवन ने नहीं दी थी लोकायुक्त को मंजूरी: हरीश रावत

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि उनकी सरकार ने 2016 में ही लोकायुक्त बैंच के लिए अध्यक्ष और सदस्यों का नाम फाइनल कर दिया था। लेकिन इसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई। प्रदेश में लोकायुक्त गठन किए जाने को लेकर आए हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है, इसलिए लोकायुक्त बेंच का गठन होगा तो इस बीमारी पर अंकुश लग पाएगा। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा है कि 2016 में ही तत्कालीन सरकार ने हाईकोर्ट की देख-रेख में लोकायुक्त की बेंच के लिए अध्यक्ष और सदस्यों का चयन फाइनल कर लिया था। इस फाइल को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया, पर राज्यपाल ने कई आपत्तियों के साथ इसे लौटा दिया। इसके बाद फिर इन आपत्तियों का निराकरण फाइल राजभवन भेजी गई, लेकिन तब से कई राज्यपाल आए लेकिन फाइल को मंजूरी नहीं मिल पाई। इसलिए अब हाईकोर्ट के फैसले से लोकायुक्त गठन की उम्मीद जगी है।