हरीश रावत की पोस्ट से राजनीतिक गलियारों में हलचल ..
देहरादून। चुनाव से ठीक पहले हरीश रावत ने अब अपनी ही पार्टी लीडरशिप और अन्य नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरीश रावत प्रदेश के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जो बेबाकी से इंटरनेट मीडिया के जरिये अपने दिल की बात कह देते हैं। बुधवार दोपहर को भी रावत की फेसबुक पर की गई एक पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोस्ट के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने भी निकाले जाने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के रुख से नाखुश हैं। रावत पिछले कई महीनों से खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आलाकमान ने इसे खारिज कर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने की ये पोस्ट…
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाए या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे !