गुरुकुल के शिक्षक और कर्मचारी प्रायोजक संस्थाओं के खिलाफ खुलकर आए सामने

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह को हटाए जाने के बाद से गुरुकुल के शिक्षक और कर्मचारी प्रायोजक संस्थाओं के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। गुरुकुल के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से बैठक कर स्पष्ट कर दिया है कि वह गुरुकुल को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने के पूर्ण पक्ष में हैं।
गुरुकुल कांगड़ी को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली, आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब और आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा ने अभी तक गुरुकुल को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। इससे कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन 2022 जारी कर गुरुकुल को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर सुझाव मांगे थे। बीते कुछ दिनों से गुरुकुल विश्वविद्यालय में मची उठापटक के बीच गुरुकुल विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलाधिपति को उनके पद से हटा दिया गया है। इसके बाद से विश्व विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी एकजुट होकर सभाओं के सामने आकर खड़े हो गए हैं। विश्वविद्यालय की शिक्षक यूनियन के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रभात कुमार और कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार दो बार बैठक कर गुरुकुल को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर अपनी मंसा साफ कर चुके हैं। इसी बीच के पीआरओ की ओर से प्रेस नोट जारी कर सभाओं पर विश्वविद्यालय की 10 स्थानों पर करोड रुपए की संपत्ति का सौदा करने का भी आरोप लगाया है। आने वाले कुछ समय में गुरुकुल को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और आर्य प्रतिनिधि सभा में तकरार बढ़ने की पूरी संभावना है।