जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया धरना

प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाकर जांच किए जाने से बागेश्वर जनरल और ओबीसी कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ गई है। बुधवार को कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर विकास भवन परिसर में धरना दिया। उन्होंने कहा कि संगठन के शीर्ष नेता का उत्पीडऩ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने सरकार से जल्द जांच के नाम पर हो रहे उत्पीडऩ को बंद करने की मांग की। कर्मचारियों ने जांच के आदेश वापस नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज फेडरेशन ने विकास भवन परिसर में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को जबरन परेशान किया जा रहा है। उन्हें कर्मचारियों के हितों की आवाज उठाने से रोकने की कोशिश की जा रही है। जिसे किसी भी हाल में संगठन सहन नहीं करेगा। बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य कर्मचारियों के संबंध में पिछले कुछ महीनों से सरकार के विपरीत निर्णयों का विरोध किया था। इसमें महंगाई भत्ता रोकने, बिना कार्मिकों की सहमति के प्रतिमाह वेतन कटौती करने का विरोध शामिल है। उन्होंने कहा कि संगठन के हित के लिए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सरकार के कार्यों पर टिप्पणी या सुझाव देना उनकी जिम्मेदारी है। जिसे वह मर्यादा में रहकर निभा रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ जबरन सरकार के विरुद्ध टीका-टिप्पणी करने व अनुभाग अधिकारी के रूप में आरोप पत्र देकर चिह्नित करना किसी साजिश का हिस्सा लगता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कर्मचारियों के हित में आवाज उठाने पर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है तो कर्मचारी उसका कड़ा विरोध करेंगे। इस मौके पर कपूर चंद्र मिश्रा, संतोष जोशी, पूरन सिंह परिहार, संतोष खेतवाल, हरीश गोस्वामी, मंजुल पांडेय, प्रकाश जोशी, धरम सिंह , अरविंद पांडे, दीपक कांडपाल, प्रेमा जोशी, जानकी पंत, पंकज जोशी आदि मौजूद रहे।

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