
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आरएनएस)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु पूंजी समर्थन मुहैया कराने के लिए एक अलग नीति की जरूरत पर जोर दिया।
एमएसएमई और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री ने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से ऐसे पिछड़े लोगों, जिनके पास कौशल तो है, लेकिन पूंजी नहीं है, उनके लिए अलग नीति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब लोग ग्रामीण भारत से शहरी भारत की ओर पलायन करते हैं, तो यह उनकी इच्छा के कारण नहीं, बल्कि मजबूरी के कारण होता है। गडकरी ने कहा कि क्योंकि उनके पास रोजगार नहीं है और गरीबी एक बड़ी समस्या है। गरीबी उन्मूलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से जिन लोगों के पास कुछ प्रतिभा है, जिनके पास साहस है, जिनके पास उद्यमशीलता है, हमें उन्हें वित्त देना चाहिए, हमें उनकी मदद करनी चाहिए। इस सम्मेलन में बांग्लादेश के नोबल पुरस्कार से सम्मानित ग्रामीण बैंक के संस्थापक मौ. यूनुस ने भी हिस्सा लेते हुए भारत में लोगों की जमाओं के लिए इस प्रकार के सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों की इजाजत देने का सुझाव दिया।






