गंगा खतरे के निशान से ऊपर, 30 गावों में रेड एलर्ट

रुड़की। शुक्रवार रात गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। इससे चौकन्ने हुए प्रशासन बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में रात को ही हाई एलर्ट घोषित कर राहत और बचाव कार्यों की तैयारी शुरू कर दी। एसडीआरएफ की एक टीम भी लक्सर बुला ली गई। पहाड़ों पर भारी बरसात हो रही है। ऊपर से, मौसम विभाग और बारिश की संभावना जता रहा है। हरिद्वार में बारिश कम होने के बाद भी शुक्रवार देर शाम गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। रात 12 बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 294 मीटर से आधा मीटर ऊपर पहुंचा, तो प्रशासन सतर्क हो गया। खतरे की आशंका देख तहसील प्रशासन ने गंगा और सोलानी के आसपास के तीस से अधिक गांवों में रेड एलर्ट घोषित कर दिया, साथ ही राहत और बचाव कार्यों की तैयारी भी शुरू कर दी। लक्सर के भिक्कमपुर, बालावाली, गोवर्धनपुर व बालावाली में बनी बाढ़ चौकियों को सतर्क करने के बाद भिक्कमपुर, गोवर्धनपुर, रायसी, खानपुर व बालावाली के सरकारी स्कूलों के भवन के ताले भी प्रशासन ने खुलवा दिए, ताकि आपदा आने पर संवेदलशील गांवों के लोगों को सुरक्षा के लिए वहां विस्थपित किया जा सके। प्रशासन के साथ ही पुलिस भी गांवों में जाकर लोगों को अगले 48 घटे तक गंगा या सोलानी नदी के आसपास न जाने की हिदायत दे रही है। हालांकि, प्रशासन अब गंगा के जलस्तर में कमी बता रहा है, फिर भी जलस्तर चेतावनी के निशान से ऊपर है। एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से नीचे आ गया है। बावजूद राहत एवं बचाव कार्यों की पूरी तैयारी की जा चुकी है। बताया कि आपात स्थिति के मद्देनजर एसडीआरएफ की एक टुकड़ी भी लक्सर बुला ली गई है।


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