गंगा का जलस्तर बढ़ने से त्रिवेणीघाट पर टापू में फंसे पांच पर्यटक

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश की हृदयस्थली त्रिवेणीघाट पर अचानक जलस्तर बढऩे से गंगा की मुख्य धारा और छोटी धारा के बीच बने टापू पर रविवार को डेढ़ साल के मासूम समेत 5 पर्यटक फंस गए। खुद को पानी से घिरा देख पर्यटक घबरा गए। जान पर खतरा मंडराता देख मदद के लिए शोर मचाने लगे। चीख पुकार सुनकर हरकत में आए जल पुलिस के जवान राहत एंव बचाव कार्य में जुट गए। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद पानी के बीच फंसे सभी पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया। त्रिवेणीघाट पर पक्के घाट के सामने गंगा की नालीनुमा धारा बह रही है। मुख्य धारा पक्के घाट से दूर बह रही है। दोनों धारा के बीच टापू है। रविवार दोपहर ग्रेटर नोएडा, यूपी से त्रिवेणीघाट घूमने आए पर्यटक घाट के समानांतर बह रही वैकल्पिक धारा को पार कर गंगा की मुख्य धारा की ओर गए। दोनों धाराओं के बीच बने टापू पर बैठ गए। तभी अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ गया और पर्यटक टापू पर चारों ओर से पानी से घिर गए। पानी से बाहर निकलने का प्रयास किया, लेकिन तेज बहाव के चलते वे बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। घबराकर शोर मचाने लगे। शोर सुनकर त्रिवेणीघाट पर तैनात जल पुलिस के जवान धनवीर नेगी, जितेंद्र, दिवाकर, राकेश, हरीश गुसाईं और कांस्टेबल विपिन त्यागी सतर्क हुए। टापू में फंसे पर्यटकों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद जल पुलिस टापू में पानी के बीच फंसे पर्यटकों को राफ्ट से सुरक्षित बाहर ले आई। कोतवाल रितेश साह ने बताया की पर्यटक कृष्णा चौहान (28) पुत्र वीरेंद्र चौहान और उनकी पत्नी दीक्षा (27) और डेढ़ साल के बेटे शिवाय सहित अनिरूद्ध (32) पुत्र जयप्रकाश और उनकी पत्नी प्राप्ति (30) सभी निवासी ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन, उत्तरप्रदेश से ऋषिकेश घूमने आए थे।
रोकने पर उलझते हैं पर्यटक: त्रिवेणीघाट पर वैकल्पिक और मुख्यधारा के बीच बने टापू पर पहले भी कई पर्यटक फंस चुके हैं। घटना पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने चेतावनी बोर्ड लगा रखा है। साथ ही मौके पर तैनात जल पुलिस के जवान भी पर्यटकों को गंगा की मुख्य धारा के पास जाने से रोकते हैं। लेकिन पर्यटक रोकने पर कई बार पुलिस से उलझते हैं और टापू में पहुंचकर खुद की जान संकट में डाल लेते हैं। ऐसे में पुलिस की सतर्कता के बावजूद पर्यटक घाट को छूकर बह रही धारा को पार कर मुख्य धारा तक पहुंच जाते हैं।