गड़बड़ाने लगी प्रदेश में उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति

देहरादून। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य के उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति गड़बड़ाने लगी है। उत्तराखंड में स्थापित बड़े, मध्यम, लघु व एमएसएमई सेक्टर के करीब 66,500 से अधिक उद्योगों में करीब 70 फीसद कच्चा माल अन्य राज्यों से आता है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के सभी राज्यों में इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते कोविड कफ्र्यू और लॉकडाउन लगा हुआ। ऐसे में कच्चा माल तैयार करने वाली फर्मों में कर्मचारियों की कमी हो गई है। इससे राज्य के उद्योगों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है। राज्य में स्थापित करीब 22,400 लघु उद्योगों में बहुत कम मात्रा में कच्चा माल गोदामों में बचा है। इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच एमएसएमई के केवल दरवाजे खुले हैं, उत्पादन करीब 60 से 70 फीसद घट गया है। पहले तो स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले कुछ कामगार नौकरी छोड़ अपने घरों को चले गए। कई कामगार खुद या परिवार का कोई सदस्य संक्रमित होने से काम पर नहीं आ रहे हैं। बुधवार को सेलाकुई स्थित एक कॉर्टन उद्योग में प्रतिदिन काम करने वाले 120 कामगारों में से केवल 24 उपस्थित थे। यह स्थिति लगभग सभी उद्योगों में है।
राज्य फूड प्रोसेसिंग उद्योग संघ के संरक्षक अनिल मारवाह के मुताबिक सरकार और जिला प्रशासन ने उद्योग जगत को कोरोना कफ्र्यू से मुक्त रखा है, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से उद्योग जगत अछूता नहीं है। कहीं न कहीं कच्चे माल की आपूर्ति, परिवहन, तैयार माल का निर्यात, शिफ्टों में काम करने से कामगार भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में शत फीसद उत्पादन जारी रखना संभव नहीं है। फूड प्रोसेसिंग यूनिटों में भी कारोबार 50 फीसद घट गया है। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्‍यक्ष राकेश भाटिया का कहना है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण उद्योगों में काम करने वाले कामगारों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। अन्य राज्यों से आने वाला कच्चा माल बहुत सीमित मात्रा में ही मिल रहा है। उद्योगपति स्वयं कच्चा माल लेने भी दूसरे राज्यों को नहीं जा सकते हैं। उद्योग बहुत कम उत्पादन के सहारे चल रहे हैं।

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