गांजा तस्करी के 2 अभियुक्तों की जमानत याचिका ख़ारिज

अल्मोड़ा। अवैध गांजे की तस्करी के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुलतान के न्यायालय में अभियुक्त पंकज सिंह नेगी पुत्र स्व० आलम सिंह नेगी निवासी ग्राम मंगलवाड़ी पो० कुलाण्डेश्वर थाना सल्ट जिला अल्मोड़ा तथा अभियुक्त देवेन्द्र सिंह रावत पुत्र गोविन्द सिंह रावत निवासी मटखानी पो० कुलाण्डेश्वर थाना सल्ट जिला अल्मोड़ा द्वारा धारा-8/20 एन०डी०पी०एस० एक्ट के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की गयी। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा अभियुक्तगणों की जमानत का घोर विरोध करते हुए न्यायालय को यह बताया कि 05 जून 2022 को पुलिस कर्मचारियों द्वारा थाना गेट सल्ट के सामने थाने से रवाना होकर की जा रही वाहन की चैकिंग के दौरान चालक से वाहन की डिग्गी खुलवाकर तलाशी करने पर वाहन की डिग्गी से प्लास्टिक के तीन कट्टों में गांजा बरामद हुआ था। पुलिस द्वारा चालक से पूछताछ करने पर चालक ने अपना नाम पंकज सिंह नेगी पुत्र स्व० आलम सिह नेगी निवासी ग्राम मंगलवाड़ी पो० कुलाण्डेश्वर थाना सल्ट जिला अल्मोड़ा हाल निवासी ई-151 /7 विश्वकर्मा कालोनी बदरपुर दक्षिण दिल्ली तथा चालक के बगल वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम देवेन्द्र सिंह रावत पुत्र गोविन्द सिंह रावत निवासी ग्रा मटखानी पो० कुलाण्टेश्वर थान सल्ट जिला अल्मोड़ा बताया। बरामद गांजे को दोनों व्यक्तियों द्वारा अपने-अपने खेतों व जंगल से इकट्टा करके संयुक्त रूप से रामनगर और दिल्ली थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मंहगे दामों में बेचने हेतु ले जाना बताया गया। अभियुक्तगणों से बरामद गांजे को इलैक्ट्रानिक तराजू से तोला गया तो पहले कट्टे का वजन 12.500 किलो गाम तथा दूसरे का कट्टे का वजन 4 किलो 350 ग्राम एवं तीसरे कट्टे का वजन 6 किलो 550 ग्राम कुल तीनों कट्टों से 23 किलो 400 ग्राम अवैध गांजा निकला तथा अभियुक्तगणों को उक्त वाहन में अवैध गांजा परिवहन करते हुए पुलिस कर्मचारियों द्वारा पकड़ा गया तथा मौके पर पुलिस कर्मचारियों द्वारा सम्पूर्ण कार्यवाही पूर्ण कर अभियुक्तगणों को जेल भेजा गया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने कहा यदि अभियुक्तगणों को जमानत पर रिहा किया जाता है तो अभियुक्तगण जमानत का दुरूपयोग करने व फरार होने का पूर्ण अंदेशा है। जिस पर न्यायालय द्वारा पत्रावली का परिशीलन कर अभियुक्तगणों की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए 13 जून 2022 को खारिज की गई।