फाइबर रसोई गैस सिलिंडर मिलने लगे हैं एजेंसियों पर
देहरादून। दून की गैस एजेंसियों में दस किलो के फाइबर रसोई गैस सिलिंडर आयल कंपनी उ️पलब्ध करा चुकी है। सुरक्षा के लिहाज से एवं अन्य गैस सिलिंडर के मुकाबले यह फाइबर सिलिंडर ज्यादा सुरक्षित हैं।
उ️त्तराखंड एलपीजी डिस्ट्रीब्यूट एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल ने बताया आयल कंपनी एचपी, भारत, इंडेन के एजेंसियों पर सिलिंडर उ️पलब्ध कराए गए हैं। फाइबर सिलिंडर का वजन चार किलो और गैस का वजन दस किलो है। यानि कि इसका कुल भार 14 किलो है।
सिलिंडर में खास बात है कि उ️पभोक्ता देख सकता की कितनी गैस बची हुई है। जबकि कंपनी की ओर से सदियों से चलन में लाए जा रहे गैस सिलिंडर में ऐसे बदलाव करने की कोशिश नहीं की गई। यह सिलिंडर विदेश की टेक्नोलाजी के हिसाब से बनाया गया है। इसके अलावा रेगुलेटर के ऊपर प्लास्टिक का कवर लगाया गया है। खतरा महसूस होने पर यह सुरक्षा कवच का काम करेगा। उ️नका कहना है अभी उ️पभोक्ताओं को इसकी जानकारी कम है, लेकिन आने वाले समय में यही सिलिंडर प्रयोग में लाए जाएंगे। एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में भी फाइबर सिलिंडर सुविधाजनक हैं। इसके ऊपर हाथ स्टैंड लगाया गया है।
3150️ रुपये देनी होगी सिक्योरिटी
सिलिंडर का रजिस्ट्रेशन करते समय 3150️ रुपये की सिक्योरिटी देनी होगी। इसके अलावा उ️पभोक्ता वर्तमान समय में जिन सिलिंडर का प्रयोग कर रहे हैं। उ️नके कनेक्शन को फाइबर सिलिंडर के कनेक्शन में बदल सकते हैं। यह सुविधा भी एजेंसियों की ओर से उ️पभोक्ताओं को आफर के रूप में दी गई है। आयल कंपनियों ने उ️पभोक्ताओं के बजट को देखते हुए अलग-अलग वजन के सिलिंडर को बाजार में उ️तारा है। इससे पहले कंपनियों ने पांच किलो के छोटे सिलिंडर (छोटू) को पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों को उ️पलब्ध कराए हैं। जो कि बजट के हिसाब से छात्रों और मजदूर तबके के लिए ज्यादा सुविधाजनक हैं।