फर्जी फूड लाइसेंस बनाने वाला शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

देहरादून। यदि आप किसी को फूड लाईसेंस बनाने के लिए पैसे दे रहे हैं तो सतर्क हो जाईए कहीं आपको नकली लाईसेंस तो नहीं दे रहा है। जी हां पुलिस ने एक ऐसे ही मामले का भाण्डाफोड़ किया है। इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वीरेंद्र सिंह पुत्र हुकम सिंह निवासी छातापुर, थाना इतांतनगर, जिला आगरा, उत्तर प्रदेश हाल निवासी बीकानेर स्वीट्स,लेन नंबर 13, टर्नर रोड, थाना क्लेमेंटाउन, देहरादून थाने आकर तहरीर दी की अमन कुमार पुत्र विजेंद्र सिंह सैनी निवासी गोरखपुर, शिमला बायपास रोड, देहरादून ने उनसे 1500 रुपए फूड लाइसेंस बनवाने के लिए लिए थे तथा एक फूड लाइसेंस लाकर वादी मुकदमा को दिया किंतु जब वादी मुकदमा ने फ़ूड लाइसेंस के बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह फर्जी है दाखिला तहरीर के आधार पर थाना क्लिमेंटाउन में मुकदमा पंजीकृत किया गया। इस बीच विवेचना के में प्रकाश में आया कि अभियुक्त अमन कुमार द्वारा जो रजिस्ट्रेशन नंबर पर वादी वीरेंद्र कुमार को फूड लाइसेंस दिया गया था उस रजिस्ट्रेशन नंबर की जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी की गई तो वह उस रजिस्ट्रेशन नंबर पर ऑरेंज हेल्थ केयर, जी- 177, नेहरू कॉलोनी, देहरादून के नाम पंजीकृत होना पाया गया इससे यह स्पष्ट हो गया कि अभियुक्त अमन कुमार द्वारा फर्जी फूड लाइसेंस बनाकर वादी वीरेंद्र कुमार को दिया गया था जांच के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि अमन कुमार ने इसी रजिस्ट्रेशन नंबर पर दीपक थापा निवासी ठाकुरपुर रोड ,प्रेम नगर ,को मीट/ मछली बेचने हेतु फूड लाइसेंस दिया गया अभीयुक्त अमन से गहनता से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि इसके द्वारा देहरादून शहर में करीब 10 व्यक्तियों मिठाई/रेस्टोरेंट/ मीट आदि के कारोबार के लिए इसी तरह के फर्जी लाइसेंस दिए गए हैं जिनमें पुलिस द्वारा 8 व्यक्तियों से संपर्क कर लिया है जिन्होंने अभीयुक्त अमन से फ़ूड लाइसेंस प्राप्त करने की बात स्वीकार कर ली है अभियुक्त अमित अमन ने बताया कि वह पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां काम करता था जहां पर लोगों के फूड लाइसेंस बनाने का काम भी कभी-कभी आता था इसके बाद लॉकडाउन लग गया और जिस चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां वह नौकरी करता था उसके यहां से भी उसको सैलरी नहीं मिल पाए तो अभियुक्त अमन ने वहां नौकरी छोड़ दी लेकिन इस दौरान उसने कुछ लोगों से फूड लाइसेंस बनाने के लिए पेमेंट पकड़ ली थी और वह लोग उस पर फूड लाइसेंस देने का दबाव बना रहे थे इसलिए उसने फिर इस तरह का फर्जी को लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया लेकिन धीरे-धीरे जब उसको इसमें मुनाफा होने लगा तो फिर वह खुद ही और क्लाइंट ढूंढने लगा अभियुक्त अमन ने डीएवी इंटर कॉलेज से 12वीं पास की है तथा इसके पिता मोटर मकैनिक है व ई रिक्शा भी चलाते हैं।