इंजीनियरिंग कॉलेज शिफ्टिंग की चर्चाओं से ग्रामीणों में आक्रोश

पिथौरागढ़। नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के मड़धूरा से जिला मुख्यालय शिफ्ट होने की चर्चाओं से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के विकास को देखते हुए उन्होंने 200 नाली भूमि में कॉलेज निर्माण के लिए हामी भरी थी। अब जब करोड़ों रुपये खर्च कर कॉलेज का भवन तैयार हो चुका है तो कॉलेज को शिफ्ट किया जाना सरासर गलत है। गुरुवार को मड़खड़ायत के पुष्कर सिंह मेहता ने कहा कि पूर्व में शासन-प्रशासन ने मड़धूरा में एसआईटी कॉलेज निर्माण करने का निर्णय लिया। तब उन्हें लगा कि कॉलेज खुलने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, क्षेत्र का विकास भी होगा। इस देखते हुए उन्होंने वन पंचायत की भूमि में कॉलेज निर्माण को अपनी सहमति दी। जिसके बाद यहां कॉलेज भवन का निर्माण शुरू हुआ। करोड़ों खर्च कर कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो गया है। यहां कक्षाएं भी संचालित हो चुकी हैं, लेकिन अब प्रशासन कॉलेज को यहां से शिफ्ट करने जा रहा है। जबकि यहां सड़क, बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के अलावा अन्य सामाजिक, राजनीतिक लोग भी एसआईटी के मड़धूरा से संचालित करने के पक्षधर हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से कॉलेज को मड़धूरा में ही संचालित करने को कहा है। उन्होंने कहा अगर कॉलेज को अन्यत्र शिफ्ट किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।