Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राज्य
  • उत्तराखंड
  • एक माह में 133.55 हेक्टेयर जंगल झुलसा
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

एक माह में 133.55 हेक्टेयर जंगल झुलसा

RNS INDIA NEWS 10/12/2020
default featured image

देहरादून। पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में इस बार सर्दियों से ही जंगल सुलगने लगे हैं। एक अक्टूबर से नौ नवंबर तक का आंकड़ा देखें तो राज्य में आग की 92 घटनाओं में 133.55 हेक्टेयर जंगल झुलस चुका है। लेकिन क्षति के आकलन से आप चौंक जाएंगे। महज 3.54 लाख रुपये की क्षति आंकी गई है। यह उपेक्षा पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह दृष्टिकोण को उजागर करती है। क्योंकि जंगल में आग लगने से केवल घास-फूस, झाडिय़ां या पौधे ही भस्म नहीं होते हैं, वरन समूचे पर्यावरण तंत्र को अपूरणीय क्षति पहुंचती है।
उत्तराखंड का ताजा उदाहरण यह बताने को पर्याप्त है कि औपचारिक और सतही आकलन हो रहा है। आग से नष्ट हुए लाखों नए पौधों, पनप चुके पौधों, छोटे वृक्षों, औषधीय पेड़-पौधों के अलावा वन संपदा के रख-रखाव पर होने वाले भारीभरकम खर्च के सापेक्ष आकलन इसमें सम्मिलित नहीं होता है। वहीं, आग और धुएं से पर्यावरण पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव, मृदा पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव, भूजल को पहुंचने वाली क्षति, प्राकृतिक पुनरोत्पादन के अलावा जैवविविधता के संरक्षण में योगदान देने वाले छोटे जीवों को पहुंचने वाली क्षति इत्यादि का आकलन भी नहीं किया जा रहा है। साफ है कि आग से हुए नुकसान को आंकने का वन विभाग का यह पैमाना पर्यावरणीय क्षति की अवहेलना को प्रेरित करने वाला है। यह चिंता पर्यावरणविदों और विशेषज्ञों को भी निरंतर साल रही है। बावजूद इसके, वनों को आग से होने वाली क्षति का पैमाना हैरत में डालने वाला है। आइये, अब जरा क्षति के मानकों पर नजर डालते हैं। पहले बात रोपे गए पौधों के जलने की। इसमें एक वर्ष के हो चुके पौधे के नष्ट होने पर उसकी क्षति आंकी जाती है महज 20 रुपये।
इसी प्रकार दो साल के पौधे के लिए 22.40 रुपये, तीन साल के 24.96 रुपये, चार साल के 28 रुपये और पांच साल के लिए 32 रुपये प्रति पौधा क्षति का आकलन किया जाता है। इसके अलावा चीड़ वनों में आग से पहुंचने वाली क्षति प्रति हेक्टेयर तीन हजार रुपये, साल वन के लिए दो हजार और विविध (मिश्रित) वन के लिए एक हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आंकी जाती है। इससे इतर आग से होने वाली किसी प्रकार की क्षति के आकलन की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि प्राकृतिक रूप से उगने वाले पौधों, ईको सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छोटे जीवजंतुओं, पक्षियों को भी भारी क्षति पहुंचती है। जंगलों में हर साल लगने वाली आग से बड़े दायरे में धुएं-धुंध के पसरे रहने के साथ ही वायुमंडल में घुलने वाली कार्बन की मात्रा पर्यावरण को सीधे चुनौती देती है। तस्वीर से साफ है कि क्षति के मानकों में पर्यावरण को खास तवज्जो नहीं दी गई है।यह कैसे संभव है कि नर्सरी में जिस पौधे की लागत 20 रुपये आती है, रोपे जाने के बाद एक साल तक जीवित रहने पर भी उसकी कीमत 20 रुपये ही रहेगी। इसी तरह की खामी साल के वनों को पहुंचने वाली क्षति के आकलन की भी है। आग से इन वनों में प्राकृतिक पुनरोत्पादन सबसे अधिक प्रभावित होता है। फिर भी वहां क्षति का मानक महज दो हजार रुपये प्रति हेक्टेयर रखा गया है।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: कांग्रेस के वर्तमान या निवर्तमान अध्यक्ष चार दिन न सही चार घंटे के लिए ही उत्तराखंड आये तो सही: भाजपा
Next: पूर्व सीएम हरीश रावत ने उपवास करने की चेतावनी दी

Related Post

default featured image
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति परीक्षा स्थगित

RNS INDIA NEWS 04/10/2025
weather
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

उत्तराखंड में 05 से 07 अक्टूबर तक भारी बारिश का अलर्ट

RNS INDIA NEWS 04/10/2025
default featured image
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त कार्रवाई, प्रदेशभर में मेडिकल स्टोर्स पर एफ.डी.ए. की छापेमारी शुरू

RNS INDIA NEWS 04/10/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • राशिफल 05 अक्टूबर
  • मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति परीक्षा स्थगित
  • देवप्रयाग में पैदल मार्ग धंसने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी
  • हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्तूबर को बंद होंगे
  • खुरपका-मुंहपका रोग से बचाव को वृहद टीकाकरण अभियान शुरु
  • जनोपयोगी कार्यों में धनराशि का प्रभावी उपयोग करें : डॉ. धन सिंह रावत

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.