दून अस्‍पताल प्रबंधन का दावा, हमारे डाक्‍टर पाक साफ

देहरादून। आयुष्मान के मरीज को इलाज न देने और हाथ की सर्जरी को इम्पलांट बाहर से मंगाने का दबाव बनाने के मामले में डॉक्टरों को दून अस्पताल प्रबंधन ने क्लीन चिट दे दी। वहीं पीड़ित पक्ष ने इसे सफेद झूठ बताया है और उनसे रुपये मांगे जाने की बात दोहराई है। आंदोलन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज निकलवा ली जाए, सब दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। डिप्टी एमएस डॉ एनएस खत्री की ओर से मरीज मेहरबान के सम्बंध में प्रेस रिलीज जारी की गई। जिसमें उन्होंने आपरेशन में देरी व उसे रेफर करने के पीछे व्यवस्थागत खामी को जिम्मेदार बताया गया है।

आयुष्मान के नोडल अधिकारी डा. एनएस खत्री के मुताबिक सुराज सेवा दल के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महानगर महासचिव मेहरबान अली को छह मई को इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। जहां हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों ने उनका परीक्षण किया। उनका एक्सरे कराया गया, जिसमें पता चला कि हाथ की हड्डी टूटी है। चोट लगने का कारण मारपीट बताया गया। उन्हें उपचार के लिए हड्डी रोग विभाग में शिफ्ट कर दिया गया था। 9 मई को उनका आपरेशन होना था। आयुष्मान योजना के तहत इंप्लांट के लिए भी इंडेंट तैयार कर लिया गया था। पर मेडिकोलीगल केस होने के कारण कुछ औपचारिकताएं थी। अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण एक्सरे की रिपोर्टिंग में समस्या थी। जिस कारण उन्हें जिला चिकित्सालय भेजा गया। इस प्रक्रिया में देरी के कारण आपरेशन टालना पड़ा। मेडिकोलीगल संबंधित कार्य 10 मई को पूरा हुआ। जिस पर आपरेशन की नई तिथि 12 मई तय की गई। पर ओटी में स्थापित एनेस्थीसिया मशीन में खरानी आने के कारण मरीज को प्रतीक्षा को कहा गया। इस बीच मरीज के तीमारदार ने उन्हें रेफर करने का अनुरोध किया गया। जिस पर उन्हें 11 मई को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। इस बीच यहां उनका उपचार आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त किया गया।