दुग्ध मूल्य वृद्धि से मुकरा प्रशासन, उत्पादकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

अल्मोड़ा। दुग्ध संघ प्रशासन द्वारा पूर्व में दिए गए वादे से पीछे हटने पर शनिवार को दुग्ध उत्पादक भारी निराशा के साथ लौटे। दुग्ध संघ कार्यालय पातालदेवी पहुंचे उत्पादकों के शिष्टमंडल को उस समय गहरा झटका लगा जब दुग्ध संघ अध्यक्ष, सहायक निदेशक और प्रधान प्रबंधक ने दुग्ध क्रय मूल्य में वृद्धि के मुद्दे को प्रवंध कमेटी की आगामी बैठक तक टालने की बात कह दी। शिष्टमंडल ने इस निर्णय का विरोध करते हुए एक मई तक की समय-सीमा दी है और इसके बाद आंदोलन की चेतावनी दी है। उत्पादकों का कहना है कि दुग्ध संघ अधिकारी पहले ही 17 मार्च से एक रुपये प्रति लीटर की दर से मूल्य वृद्धि का लिखित आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन अब उस वादे से मुकरा जा रहा है। वार्ता के दौरान दुग्ध उत्पादकों ने समय पर भुगतान की मांग भी रखी, जिस पर यह तय हुआ कि जिन समितियों के पास पर्याप्त बचत नहीं है, उन्हें चिन्हित कर अग्रिम बिल भुगतान की व्यवस्था फिर से शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, मांग के अनुरूप समय से पशु आहार और अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया गया। दुग्ध उत्पादकों ने पशु औषधियों की अनुपलब्धता की शिकायत की, जिस पर दुग्ध संघ प्रशासन ने जल्द सुधार का भरोसा दिलाया। शिष्टमंडल ने यह भी मांग की कि समितियों की प्रबंध कमेटियों में स्थिरता के लिए पर्वतीय क्षेत्रों की परिस्थितियों के अनुरूप अर्हता मानकों में संशोधन किया जाए। इसके अलावा, सहकारिता कानून में बार-बार किए जा रहे राजनीतिक बदलावों पर चिंता जताते हुए उत्पादकों ने आग्रह किया कि कानून दुग्ध उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखकर स्थायी रूप से बनाया जाए। पशु विकास कोष का उपयोग भी सीधे दुग्ध उत्पादकों के हित में करने की मांग उठाई गई। वार्ता में दुग्ध संघ की ओर से अध्यक्ष गिरीश खोलिया, सहायक निदेशक लीलाधर सागर और प्रधान प्रबंधक हरीश सिंह बोरा उपस्थित रहे। दुग्ध उत्पादकों की ओर से आनंद सिंह बिष्ट, ब्रह्मानंद डालाकोटी, श्याम सुंदर सिंह, रविंद्र सिंह खाती, राम सिंह, गोपाल सिंह, जीवन सिंह, उमेश चंद्र और रवि सहित अन्य लोग शामिल रहे।

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